क्या था मामला:
25 जुलाई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किया गया था। तभी से शिक्षामित्र अपनी मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे है थे।
शिक्षामित्रों की मांग थी कि उनको पैराटीचर बनाया जाए। इसके अलावा जो शिक्षामित्र टीईटी उत्तीर्ण हैं, उन्हें बिना लिखित परीक्षा के नियुक्ति दी जाए।
बता दें कि समायोजन रद्द होने के बाद से कई शिक्षामित्रों की मौत हो चुकी है। इसी कड़ी में उनकी मांग हैं कि उन सभी को मुआवजा देने के साथ परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए।
इसके अलावा असमायोजित शिक्षामित्रों के लिए भी सरकार कोई समाधान निकाले।
अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे थे शिक्षामित्र:
राजधानी लखनऊ के एनेक्सी भवन में 13 जून को सीएम योगी ने शिक्षामित्रों के 6 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी। उनकी इस बैठक के बाद उम्मीद कि जा रही हैं कि शिक्षामित्रों की समस्या का जल्द ही समाधान होगा।
38 दिनों से अनवरत धरना कर रहे शिक्षामित्रों में पांच महिलाओं की हालत गंभीर
सीएम योगी कर रहे शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक
एसडीएम-शिक्षामित्र मीटिंग में महिला की तबियत हुई खराब, इलाज के दौरान मौत