शिक्षामित्रों को योगी सरकार ने आश्रम पद्धति लागू करने व ‘समान काम, समान वेतन’ देने का आश्वासन दिया है. हालांकि, एक घंटे से अधिक चली बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी मसलों पर विस्तार से चर्चा की. अब तीन दिन बाद फिर वार्ता करने के लिए शिक्षामित्रों को आमंत्रित किया गया है. साथ ही, सीएम योगी ने शिक्षामित्रों पर विचार करने के लिए तीन अफसरों को नामित किया गया है. फिलहाल, शिक्षामित्रों ने धरना खत्म करने का ऐलान कर दिया है.
जानें शिक्षामित्र मामले की पूरी कहानी
- सीएम ने शिक्षामित्रों का भविष्य तय करने के लिए तीन अधिकारियों राज प्रताप सिंह, अवनीश अवस्थी और कौशल अनुराग शर्मा को कमेटी के तहत चुना है.
- शिक्षामित्रों का अनिश्चितकालीन सत्याग्रह आंदोलन (shikshamitra satyagrah protest) मंगलवार को तीसरे दिन भी जारी था.
- शिक्षामित्रों का कहना है कि 10 हजार रुपये मानदेय का झुनझुना स्वीकार नहीं करेंगे. शिक्षामित्र समान कार्य-समान वेतन से कम पर कोई समझौता नहीं करेंगे.
- इनकी मांग है कि केंद्र व राज्य सरकार संशोधित अध्यादेश लाकर प्रदेश के सभी 1,72,000 शिक्षामित्रों को पुनः शिक्षक बनाए.
- इन सभी मुद्दों को लेकर आज शिक्षामित्रों का एक प्रतिनिधिमंडल सीएम योगी से मिलने एनेक्सी पहुंचा था.
- एनेक्सी में सीएम योगी और शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बातचीत हुई.
- शिक्षामित्र समायोजन रद्द होने के बाद से ही आन्दोलन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि शिक्षक पद पर उन्हें पुन: बहाल किया जाये.
डेलीगेशन में ये लोग शामिल:
- जितेंद्र शाही ( अध्यक्ष आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर ऐसोसिएशन )
- गाजी इमाम आला ( अध्यक्ष प्रार्थमिक शिक्षा मित्र संघ )
- अवनीश सिंह ( प्रांतीय मंत्री )
- शिवकुमार शुक्ला ( संरक्षक)
- रीना सिंह
- दीना नाथ दीक्षित
- जावीद
- सात सदस्यीय डेलीगेशन सीएम योगी से मिलने एनेक्सी पहुंचा था.
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