सपा सरकार में चाचा-भतीजे के बीच छिड़े ‘गृहयुद्ध’ पर युद्धविराम लगाने का ख़ाका आखिरकार सपा सुप्रोमो ने तैयार कर लिया है| गौरतलब है कि शिवपाल यादव के कौमी एकता दल को सपा में विलय कराने और अखिलेश के शिवपाल से कई बड़े विभाग छीन लेने से सपा सरकार में एक गृहयुद्ध छिड़ गया था| सोमवार से चल रही इस महाभारत ने अनेकों नाटकीय रुप लिए लेकिन अंत में सपा सुप्रीमो ने अखिलेश और शिवपाल से अलग-अलग बात कर के एक संधि-ख़ाका तैयार कर लिया|
संधि खाके को तैयार करते हुए मुलायम सिंह यादव ने कहा “मेरे रहते पार्टी में कोई फूट नहीं पड़ सकती| अखिलेश,शिवपाल और रामगोपाल के बीच कोई झगड़ा नहीं है|”
संधि खाके के अंतर्गत मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल यादव के सभी विभाग वापस किये जाने के साथ-साथ गायत्री प्रजापति पर की गई सभी कारवाई रद्द करते हुए उनकी कैबिनेट में वापसी कि घोषणा कर दी|
गृहयुद्ध छेड़ने वाले मुख्य बिन्दुओं पर एक नज़र:
- शिवपाल यादव का कौमी एकता दल का सपा में विलय कराना|
- अखिलेश यादव के वीटो की वजह से इस विलय का रुकना|
- अखिलेश का शिवपाल के करीबी बताये जा रहे आई.ए.एस अधिकारी दीपक सिंघल को चीफ़ सेक्रेटरी पद से हटाना|
- मुलायम का अखिलेश की जगह शिवपाल को यूपी प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाना|
- अध्यक्ष पद शिवपाल को मिलते ही अखिलेश का उनसे राजस्व, पी डब्लू डी, सिंचाई जैसे 7 बड़े विभाग वापस ले लेना|
- अखिलेश का गायत्री प्रजापति को मंत्री पद से हटाया जाना|
तैयार संधि खाके के अंतर्गत आने वाले बिंदु:
- शिवपाल के सभी विभाग वापस|
- गायत्री पर कि गई सभी कारवाई रद्द और उनकी कैबिनेट में वापसी परन्तु मिलने वाले विभाग पर फिलहाल संशय|
- चुनाव के दौरान बटने वाले टिकेट में अब अखिलेश की भी चलेगी|बटने वाले हर टिकेट में उनके भी विचार लिए जायेंगे साथ ही साथ अखिलेश को संसदीय बोर्ड का चेयरमैन बनाये जाने की पुष्टि|
- परिवार और पार्टी के बीच किसी बहरी का दखल स्वीकार नही होगा|
अखिलेश और शिवपाल दोनों ने कहा था की सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का निर्णय अंतिम होगा और परिवार में ऐसा कोई भी नही जो उनकी बात को टाल सके| मुलायम के संधि कराने से ये बात साबित भी हुई पर फिर भी चाचा-भतीजे के तेवर अभी भी तल्ख़ ही दिख रहे हैं|