2019 के लोकसभा चुनावों के पहले समाजवादी पार्टी को झटका देते हुए शिवपाल यादव ने अपना सेक्युलर मोर्चा बना लिया है। शिवपाल यादव का कहना है कि इस मोर्चे में सपा के निष्क्रिय और नजरअंदाज कर दिए गए नेताओं को जगह दी जायेगी। इस कड़ी में शिवपाल के इस समाजवादी सेक्युलर मोर्चे में शामिल होने वालों का सिलसिला शुरू हो चुका है लेकिन अब भी उनके त्रिदेव ने इस मोर्चे को ज्वाइन नहीं किया है।
असमंजस में हैं शिवपाल के त्रिदेव :
समाजवादी पार्टी में लगभग पिछले डेढ़ साल से हाशिये पर चल रहे शिवपाल यादव ने अपनी नयी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी है। उन्होंने समाजवादी सेकुलर मोर्चा बनाने का ऐलान करते हुए कहा कि सपा में जिस किसी का सम्मान नहीं हो रहा है, उन लोगों को हमारे साथ आ जाना चाहिए। शिवपाल के इस ऐलान पर सपा नेता तो दूर की बात हैं, उनके ‘त्रिदेव’ भी इस मोर्चे के साथ जाने का अभी फैसला नहीं कर सके हैं।
[penci_blockquote style=”style-3″ align=”none” author=””]शिवपाल यादव ने अपनी नयी राजनीतिक पारी की शुरुआत कर दी है।[/penci_blockquote]
सपा में है सुलह का इंतजार :
शिवपाल यादव के करीबी दीपक मिश्रा, मो. शाहिद और राजेश यादव को उनका त्रिदेव कहा जाता है। अखिलेश और शिवपाल के बीच रिश्तों में खटास 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले शुरू हो गयी थे। इसके बाद अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था। इसके बाद द अखिलेश यादव ने शिवपाल के करीबी इन त्रिदेव सहित पांच करीबियों को पार्टी से बाहर कर दिया था। हालाँकि तब से ये पांचों नेता सपा से निकाले जाने के बाद भी किसी दूसरी पार्टी में शामिल नहीं हुए। अब शिवपाल ने अपनी राजनीतिक राह सपा से अलग चुन ली है तो ये तीनों नेता अभी फैसला नहीं कर पा रहे हैं कि इन्हें आगे क्या करना चाहिए।
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