बीते दिनों समाजवादी पार्टी में हुए घमासान के बाद लगता है पार्टी में सब कुछ ठीक हो रहा है। अमर सिंह के मामले पर सीएम अखिलेश यादव का साथ देने पर सपा राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने पार्टी से बाहर कर दिया था। इसके अलावा शिवपाल ने रामगोपाल पर बीजेपी का एजेंट होने का भी इल्जाम लगाया था। मगर रामगोपाल की वापसी के बाद से लगता सपा प्रमुख खुद दोनों भाइयो के बीच पहले जैसा माहौल बनाने में जुटे हुए है।
शिवपाल ने लगाये थे गंभीर आरोप :
- बीते अक्टूबर माह में जब सीएम अखिलेश यादव ने अमर सिंह का साथ देने के नाम पर चाचा शिवपाल को मंत्रीमंडल से बर्खास्त कर दिया था।
- जिसके बाद पलटवार करते हुए शिवपाल यादव ने अखिलेश का समर्थन करने वाले रामगोपाल को पार्टी से 6 वर्ष के लिए निकल दिया था।
- शिवपाल ने कहा था कि रामगोपाल के बेटे और बहू यादव सिंह घोटाले में फंसे हुए है।
- इसीलिये वे भाजपा के कहने पर पार्टी में यह सब करा रहे है।
- हालांकि रामगोपाल हमेशा से इन आरोपों से इंकार करते रहे और अपने को सच्चा सपाई बताया।
- उन्होंने पार्टी से निष्कासित होने के बाद भी राज्यसभा में सपा का प्रतिनिधित्व किया था।
- इसके बाद सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने भी उनकी ईमानदारी को देखते हुए उन्हें पार्टी में वापस ले लिया था।
मुलायम के जन्मदिन से करीब आये शिवपाल-रामगोपाल :
- समाजवादी पार्टी के प्रमुख मुलयम सिंह यादव के जन्मदिन पर लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे का उद्घाटन हुआ था।
- उस दौरान शिवपाल ने रामगोपाल के बकायदा पैर छूंकर आशीर्वाद लिया था।
- सूत्रों से खबर है कि दोनों नेताओं के साथ सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने बैठकर बात की है।
- जिसमे निश्चित हुआ है कि चुनाव के समय में सभी को एक होना है और फिर से सरकार बनानी है।
- साथ ही खबर है कि शिवपाल भी अखिलेश को टिकट वितरण में अधिकार देने को राजी हो गए है।
- हालांकि अभी तक समाजवादी पार्टी की तरफ से ऐसा कोई भी बयान नहीं आया है।
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