प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पार्कों में धार्मिक आयोजन करने के खिलाफ आवाज उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान सरकार पर कड़ा हमला बोला है। शिवपाल सिंह यादव ने अपने ट्वीटर खाते से ट्वीट करते हुए कहा है कि ” पहले फरीदाबाद, फिर गुड़गांव व अब नोएडा में कारखानों में काम करने वाले अप्रवासी गरीब मजदूर मुस्लिम भाइयों को पार्क में नमाज पढ़े जाने से रोकने की घटना दुःखद एवं असंवैधानिक है व साथ ही यह सरकार के साम्प्रदायिक व असंवेदनशील एजेंडे का विस्तार है।” “बीजेपी हिंदू-मुस्लिम विवाद के मसलों को चर्चा में बनाए रखना चाहती है ताकि तबाह होते छोटे व मध्यम व्यापार व क़ानून व्यवस्था जैसे गंभीर मुद्दों पर मिल रहीअसफलता पर बहस न हो। मैं सरकार से मांग करता हूं कि नमाज पर रोक लगाए जाने से संबंधित आज्ञा जारी करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करे।” शिवपाल के इस ट्वीट से राजनीति और गरम हो गई है।
पहले फरीदाबाद, फिर गुड़गांव व अब नोएडा में कारखानों में काम करने वाले अप्रवासी गरीब मजदूर मुस्लिम भाइयों को पार्क में नमाज पढ़े जाने से रोकने की घटना दुःखद एवं असंवैधानिक है व साथ ही यह सरकार के साम्प्रदायिक व असंवेदनशील एजेंडे का विस्तार है।
— Shivpal Singh Yadav (@shivpalsinghyad) December 27, 2018
बता दें कि नोएडा शहर के एक पार्क में धार्मिक प्रार्थना को लेकर पुलिस ने कंपनियों को नोटिस भेजा है। सेक्टर 58 थाना पुलिस ने इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित नोएडा अथॉरिटी पार्क में प्रार्थना या धार्मिक आयोजन पर रोक लगा दी है। पुलिस ने इस एरिया में स्थित सभी कंपनियों को नोटिस भेजकर कहा है कि उनका कोई कर्मचारी अगर अथॉरिटी के पार्क में प्रार्थना करता देखा गया तो कंपनी जिम्मेदार होगी और उसपर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि अगर पार्क में किसी भी तरह का धार्मिक आयोजन करना है तो अथॉरिटी से इजाजत लेनी होगी। नोएडा के एसएसपी अजय पाल ने बताया कि कई लोगों ने पार्क में प्रार्थना की इजाजत मांगी थी, लेकिन सिटी मैजिस्ट्रेट ऑफिस से इजाजत नहीं दी गई। इसके बावजूद लोग वहां पहुंचकर नमाज पढ़ते देखे गए। सभी कंपनियों को नोटिस भेजकर यह जानकारी दे दी गई थी और यह रोक किसी धर्म विशेष के लिए नहीं है।
इस मुद्दे पर एसएसपी और डीएम ने बुलाई, कहा बिना परमिशन के हो रही है नमाज, हमने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आधार पर रोक लगाई है। सुप्रीम कोर्ट 2009 के आदेश के अनुसार किसी भी सार्वजनिक स्थल पर बिना परमिशन नही किया जाएगा किसी धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन। अथॉरिटी के इस पार्क में आसपास की कंपनियों के कर्मचारी पहुंचते हैं। आसपास की कंपनियों के कर्मचारी दोपहर के वक्त नमाज पढ़ने के लिए इस पार्क का इस्तेमाल करते हैं। नोएडा पुलिस का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले किसी तरह का सांप्रदायिक तनाव न पनपे और सौहार्द बना रहे। अजय पाल ने कहा कि पुलिस को उम्मीद है कि सौहार्द कायम रखने में लोग पुलिस का साथ देंगे। बता दें कि पिछले दिनों गुड़गांव में सार्वजनिक जगहों पर नमाज पढ़ने को लेकर बवाल हुआ था। हरियाणा के सीएम खट्टर की टिप्पणी भी सामने आई थी कि नमाज बाहर नहीं ईदगाह या मस्जिद में ही पढ़ी जानी चाहिए।
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