समाजवादी पार्टी में विधानसभा चुनावों के समय शुरू हुई रार खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। अखिलेश यादव के सपा अध्यक्ष बनने के बाद से पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव नजरअंदाज कर दिए गये हैं। इसका साफ़ दर्द अब शिवपाल यादव अपने भाषणों में दिखा देते हैं। इस बीच इटावा में एक कार्यक्रम के लिए पहुंचे शिवपाल यादव ने बयान देकर नयी चर्चाओं को शुरू कर दिया है।
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इटावा पहुंचे शिवपाल :
समाजवादी पार्टी में हुए गृहयुद्ध का सबसे ज्यादा खामियाजा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव को उठाना पड़ा है। अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल यादव सपा में कोई पद नहीं दिया है। शिवपाल अब सपा के सिर्फ एक विधायक बन कर रह गये हैं। इसका दर्द शिवपाल के भाषणों में भी देखने को मिलता रहता है। शिवपाल यादव इटावा में जसवंतनगर के नेता अजेंद्र सिंह गौर के पुत्र के विवाह समारोह में शामिल होने पहुंचे हुए थे। यहाँ पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वह अभी भविष्य को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं हैं। उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में 4 साल बाकी हैं। वे उत्तर प्रदेश के लोगों की नब्ज पर नजर रख रहे हुए हैं तथा विधानसभा चुनाव से पूर्व कोई फैसला करेंगे।
भाजपा पर बोला हमला :
शिवपाल यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अभी तो लखनऊ जा रहा हूं। उन्होंने कहा कि जहां तक किसी दल में शामिल होने का सवाल है, सब अफवाहें हैं। मैं समाजवादी पार्टी का विधायक हूं और चुनाव आने पर ही कोई फैसला लूंगा। राजस्थान में तीनों सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा की करारी हार पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी फिर से राजस्थान के लोगों की पसंद बन रही है। आम बजट पर शिवपाल ने कहा कि बजट किसानहित में नहीं है और यह झूठ का पिटारा है। किसानों का कर्ज माफ करने का वादा करने वाली भाजपा ने सत्ता में आते ही वादा खिलाफी की और जनता से छलावा किया।