समजावदी पार्टी मे शिवपाल सिंह यादव के लिए आज का दिन बेहद खास है। 3 नंवबर को समाजवादी विकास रथ यात्रा के सफल कार्यक्रम से अखिलेश ने अपनी ताकत भी दिखा दी और मुलायम का आशीर्वाद भी हासिल कर लिया। अब शिवपाल के शक्ति प्रदर्शन की बारी है, रजत जयंती कार्यक्रम की कमान शिवपाल के हाथों में हैं और इसकी सफलता यूपी में सपा के सियासी भविष्य का फैसला भी करेगी।
- शिवपाल यादव ने रजत जयती समारोह को भव्य बनाने मे कोई कसर बाकी नही रखी है।
- पंडाल को समाजवादी पार्टी के लाल और हरे रंग से सजाया गया है।
- पार्क में जर्मनी का टेंट लगा हुआ है जो वाटर प्रूफ भी है फायर प्रूफ भी।
- पार्टी पदाधिकारियों समेत कार्यक्रम में शिरकत करने वाले तमाम मेहमानो के लिए अलग से व्यवस्था की गई है।
- वहीं, पंडाल के भीतर करीब एक लाख कुर्सियां बिछा दी गई है।
- कार्यक्रम के आयोजकों का दावा है कि समारोह में पांच लाख लोग आएंगे।
- शिवपाल इस जद्दोजेहद में जुटे हैं कि जितनी भीड अखिलेश के कार्यक्रम मे जुटी थी।
- उससे तीन गुनी भीड़ पार्टी के रजत जयंती कार्यक्रम में दिखायी दें।
- शिवपाल किसी भी कीमत पर शक्ति परीक्षण की इस प्रतिस्पर्धा में अखिलेश से पीछे नहीं रहना चाहते हैं।
मेहमानों के लिए खास इंतजामः
- रथ यात्रा की तर्ज पर राजधानी अब रजत जयंती के होर्डिग्स से पटी हुई है।
- पंडाल में कार्यकर्ताओ के बैठने के लिये अलग इतंजाम किया गया है।
- तीन लाख लोगो के खाने का भी इंतजाम है।
- चार लाख पानी की बोतले मगाई गई है।
- साथ ही पानी के टैंकर भी लगाये जा रहे है।
- खास मेहमानो को कोई तकलीफ न हो इसके लिये हर तरह का इंतजाम किया जा रहा है।
- साथ ही मंच की भव्यता औऱ पांडाल की खूबसूरती का भी खास ध्यान रखा गया है।
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खत्म नहीं हुई चाचा-भतीजे की जंगः
- समाजवादी पार्टी भले ही यह कहे कि कुनबे मे शक्ति परीक्षण जैसी कोई बात नही है।
- लेकिन जानकारों का मानना है कि चाचा-भतीजे के बीच जो जंग छिड़ी थी वह अभी खत्म नहीं हुई है।
- शिवपाल अपने आप को अखिलेश से बेहतर साबित करने के लिये पूरी ताकत लाग रहे है।
- वह साबित करना चाहते है कि संगठन से लेकर सियासी जमावडे मे शिवपाल अखिलेश से बेहतर है।
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