समाजवादी पार्टी से अलग होकर सेक्युलर मोर्चा बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव दिल्ली में 2 दिन रुके हुए थे और अब वे शिकोहबाद होते हुए अपने गृहनगर इटावा पहुंच गए हैं। लोगों को उम्मीद थी कि सेक्युलर मोर्चा बनाने वाले शिवपाल का यहाँ जोरदार स्वागत होगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। इसके बाद से शिवपाल की तरफ से कोई तल्खी भरा बयान नहीं आया है जिसके बाद कई तरह की चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं।
सपा में कर सकते हैं वापसी :
इटावा आने पर शिवपाल के स्वागत में कोई बैनर या पोस्टर उनके समर्थकों ने नहीं लगाये थे। सूत्रों के अनुसार, शिवपाल यादव (shivpal yadav) ने अपने बड़े भाई मुलायम सिंह की बात मान ली है। वे आज अपने गृह क्षेत्र सैफई में समाजवादी पार्टी में अपनी वापसी पर मुहर लगा सकते हैं। मुलायम सिंह यादव के भी आज दोपहर सैफई पहुंचने की संभावनाएं हैं। मुलायम के बड़े भाई राजपाल यादव पहले से सैफई में मौजूद हैं। पूरा परिवार यहीं पर आज जन्माष्टमी मनाएगा। हालाँकि पूर्व सीएम अखिलेश यादव सैफई नहीं जा रहे हैं।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]इटावा आने पर शिवपाल के स्वागत में कोई बैनर या पोस्टर उनके समर्थकों ने नहीं लगाये[/penci_blockquote]
आजम और संजय सेठ ने कराई सुलह :
सूत्रों से खबर मिल रही है कि आज़म खान और संजय सेठ ने शिवपाल और अखिलेश यादव के बीच सुलह कराने की जिम्मेदारी ली है। इसी के तहत मुलायम सिंह की कुछ बात शिवपाल यादव से भी हुई है। मीडिया से बातचीत में वे अखिलेश यादव पर सीधे हमला करने से बच रहे हैं। शहर में मोर्चे के बैनर-होर्डिंग नहीं दिखाई दे रहे हैं।
इस पर सूत्रों के हवाले से खबर है कि शिवपाल को राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने और शिवपाल या उनके बेटे में किसी एक को 2019 में लोकसभा का टिकट देने की बात हुई है। इसके अलावा शिवपाल यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाने की भी चर्चा चल रही है। हालाँकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
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