समाजवादी पार्टी से अलग होकर शिवपाल सिंह यादव ने सेक्युलर मोर्चे का गठन किया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को झटका देते हुए उन्होंने सपा के कई बड़े नेताओं को अब तक अपने मोर्चे में शामिल करा लिया है। इसके साथ ही पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव की नजर अब अन्य दलों पर आकर टिक गयी है। उन्होंने अब अन्य दलों में भी बड़ी सेंध लगाने की तैयारी कर ली है जिसकी शुरुआत वे मायावती की बहुजन समाज पार्टी से करने जा रहे हैं।
माया के गढ़ में करेंगे बड़ी रैली :
सेक्युलर मोर्चा अध्यक्ष शिवपाल यादव की नजर मायावती के गढ़ बुंदेलखंड पर लग गई है। यहाँ पर 2014 से पहले बसपा का सिक्का चलता था लेकिन मोदी लहर के चलते मायावती का ये किला ढेर हो गया। आलम ये रहा कि चारों लोकसभा और 19 विधानसभा सीटों पर कमल खिला। अब पूर्व मंत्री ने दलित बाहूल्य इलाके में पैर जमाने के लिए कमर कस ली है। व अक्टूबर के आखिर में बांदा के अलावा चित्रकूट में रैली कर सकते हैं। इसमें वे सपा से नाराज कई नेताओं को मोर्चे में शामिल करा सकते हैं। शिवपाल यादव अब चित्रकूट, हमीरपुर, महोबा, झांसी कालपी और ललितपुर की ओर जा रहे हैं। यहां पर सपा से नाराज सपाइयों संपर्क किया जा रहा है।
ददुआ के परिवार पर है नजर :
जिले के पाठा जंगल का डकैत ददुआ का बुंदेलखंड के कई जिलों में राज था। 2003 तक ददुआ बसपा के लिए जीत हार तय करता था लेकिन 2004 में ददुआ ने समाजवादी पार्टी ज्वाइन कर ली और अपने पूरे परिवार को सदस्यता दिला दी। इसके बाद पाठा में साइकिल दौड़ी और हाथी को भारी नुकसान उठाना पड़ा। 2007 में सीएम बनते ही मायावती ने ददुआ का इनकाउंटर कराया और परिजनों को सलाखों के पीछे भिजवा दिया।
2012 में सपा सरकार बनने के बाद ददुआ का बेटा विधायक बना तो भाई सांसद। उसका पूरा परिवार राजनीति में उतर आया और यहां से बसपा के वोट खिसकने लगे। पूर्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने ही ददुआ के परिवार को समाजवादी पार्टी की सदस्यता दिलवाई थी।
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