उत्तर प्रदेश की योगी सरकार एक और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा कर रही है मगर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के चलते यूपी के स्वास्थ्य सेवा दम तोड़ती नजर आ रही है.
क्या है मामला:
मामला मुजफ्फरनगर जिले का है, जहाँ इमरजेंसी में एक गांव में मरीज़ को लेने गई स्वास्थ्य विभाग की 102 एंबुलेंस गांव में पहुंचते ही खुद ही बीमार हो गई, जिसे ट्रैक्टर के पीछे खींचकर अस्पताल तक लाया गया.
इस एंबुलेंस को देख कर आप कह सकते हैं कि उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा को लोगों के इलाज से पहले खुद अपने इलाज की जरूरत है.
एंबुलेंस के ड्राइवर से बात की गई तो एंबुलेंस के ड्राइवर नितिन का कहना है कि गाड़ी को वेब मिस्त्री के पास लेकर गया था. बताया था कि उसके एक्सेल में आवाज है मगर ड्राइवर ने उसे ऐसे ही चलाने के लिए कह दिया.
मरीज़ लेने गयी एम्बुलेंस ट्रेक्टर के सहारे लौटी:
जिसके बाद थाना बुढाना कोतवाली क्षेत्र के गांव जौला में एक मरीज की सूचना मिली मिली थी. जिसे लाने के लिए वह गांव जोला गया था.
मगर गांव में जाते ही गाड़ी खराब हो गई फिर उन्हीं के ट्रैक्टर से खींच कर ले कर आया गया.
इस घटना के बाद से ही एम्बुलेंस का ड्राईवर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए. उसने बताया कि अधिकारियों को अगर वह फोन करते हैं तो अधिकारी फोन नहीं उठाते.
गाड़ियों में अच्छे से काम नहीं होता गाड़ी की हालत देखी जा सकती है. गाड़ी की लाइट और इंडिकेटर तक नहीं जलते हैं.