उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने और सरकारी स्कूलों की हालत सुधारने के लिए भले ही केंद्र और राज्य सरकार हर साल करोड़ों रूपए का फंड जारी करती है. लेकिन सच्चाई तो ये है की स्कूलों की हालत जो भी हो पर इस फंड का इस्तेमाल ही नही किया जाता है. इस मामले में आज विधानसभा में CGA रिपोर्ट पेश की गई.
फंड होने के बावजूद प्रदेश के 1366 स्कूलों की हालत जर्जर-
- राजधानी लखनऊ में यूपी की 17वीं विधानसभा का प्रथम सत्र चल रहा है.
- ये ग्रीष्मकालीन सत्र 15 मई से लेकर 22 मई तक चलेगा.
- इस दौरान आज विधानसभा में सीजीए रिपोर्ट पेश की गई.
- जिसमें बताया गया था की फंड होने के बवजूद प्रदेश के 1366 स्कूल जर्जर हालत में हैं.
- साथ इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया की फंड होने के बाद को किताबें नही दी गई.
- गौरतलब हो की पिछली सपा सरकार के दौरान प्रदेश के 97 लाख बच्चों को पुस्तकें नही मिली थीं.
बच्चों के पैसे के नाम पर किया गया गबन-
- विधानसभा में पेश CGA रिपोर्ट पर हुई चर्चा के दौरान स्वास्थ्य राज्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह पुर्व सरकार पर हमला बोला.
- उन्होंने कहा की पिछली सरकार के दौरान बच्चों के पैसे के नाम पर गबन किया गया है.
- साथ ही युवाओं के साथ भी खिलवाड़ किया गया है.
- सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा की इस मामले में एक घोटाले जैसी चीजें सामने आई है.
- जिसकी जांच की जायेगी.
कैग रिपोर्ट में सामने आयीं ये मुख्य बातें-
- पूर्व की सपा सरकार के समय में अवैध खनन के चलते करोड़ों रूपए की हानि.
- पर्यावरण मंज़ूरी के बिना तय सीमा से ज्यादा खनन.
- जिसके चलते सरकार को करीब 179.57 करोड़ रूपए का नुक्सान.
- कीमती खनिजों के मानकों के विपरीत खनन से सरकार को करीब 282 करोड़ का नुकसान.
- रॉयल्टी अपडेट न होने के चलते राजस्व को 477.93 करोड़ का नुक्सान.
- खनन नियमों पर पूर्व सरकार का नही था नियंत्रण .
- 30 पट्टेदारों ने किया तय सीमा से ज्यादा खनन.
- 40 पट्टेदारों ने नही किया वृक्षारोपण.
- सपा सरकार ने नही की 179.57 करोड़ रूपए की जुर्माना राशि वसूल.
- परिवाहन विभाग की लापरवाही के चलते 596.77 करोड़ रूपए की हानि.
- बिना परमिट ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों का चालान न किए जाने से भी हुआ काफी नुक्सान.
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