आज के दिन 6 जुलाई 1901 ई. को श्यामाप्रसाद मुखर्जी का जन्मदिन है. उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी चिकित्सालय (सिविल अस्पताल) स्थित उनकी प्रतिमा पर राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माल्यार्पण किया.
इस कार्यक्रम के दौरान कई भाजपा के मंत्री और विधायकगणों के साथ भारी संख्या में लोग मौजूद रहे. माल्यार्पण करने स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह भी पहुंचे. जहाँ उन्होंने अपने बयान में श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रधांजलि दी.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश को एक सूत्र में बांधने का निर्णय लिया था:
स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आज श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उनका आशीर्वाद लिया है. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने देश को एक सूत्र में बांधने का निर्णय लिया था. जिसके लिये उन्होंने अपनी जान भी गवाई. कश्मीर में जो कानून लेकर आ रहे थे उसका उन्होंने विरोध किया.
उन्होंने आगे कहा कि “श्यामा प्रसाद जी ने बोला अगर देश के अंदर कश्मीर है तो वो भारत का अंग है उसी को आगे लेकर हम लोग बढ़ रहे हैं.”
साथ ही कश्मीर में पीडीपी से समझौता तोड़ने पर सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि मोदी जी ने जो समझौता तोड़ा है आज वही सिद्धांत का है जो श्यामा प्रसाद ने दिया है. आज हम लोग जम्मू कश्मीर जो भारत का अंग है उसे मज़बूत कर रहे हैं.
भाजपा के नायकों की सूची में सबसे आगे नाम:
श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीनदयाल उपाध्याय का नाम भारतीय जनता पार्टी के नायकों में सबसे ऊपर आता है। मौजूदा दौर की राजनीति में बीजेपी के लिए दीनदयाल उपाध्याय जहां वैचारिक बल देते हैं, तो वहीं श्यामा प्रसाद मुखर्जी सियासी तौर पर ज्यादा मुफीद नजर आते है। आज श्यामाप्रसाद मुखर्जी की जयंती है। जम्मू-कश्मीर में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने धारा 370 का विरोध शुरू किया। उन्होंने एक देश में दो विधान, एक देश में दो निशान, एक देश में दो प्रधान- नहीं चलेंगे नहीं चलेंगे जैसे नारे दिए। देश की एकता और अखंडता को लेकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने आंदोलन चलाया.
बता दें कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 में यह प्रावधान किया गया था कि कोई भी भारत सरकार से बिना अनुमति लिए हुए जम्मू-कश्मीर की सीमा में प्रवेश नहीं कर सकता। मुखर्जी इस प्रावधान के सख्त खिलाफ थे। इसे लेकर उन्होंने आंदोलन शुरू किया और कश्मीर के लिए रवाना हो गए। जम्मू-कश्मीर सरकार ने राज्य में प्रवेश करने पर मुखर्जी को 11 मई 1953 को हिरासत में ले लिया। इसके कुछ समय बाद 23 जून 1953 को जेल में उनकी रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर किया माल्यार्पण
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