सरकारी योजनाओं में गड़बड़ी और घोटाले के मामले हमेशा सामने आते रहे है, और अब प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना भी इस तरह के घालमेल से अछूती नहीं रह गई है। इस योजना में भी लाखों रुपये के हेरफेर के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला सीतापुर जिला की रहने वाले एक महिला का प्रकाश में आया है, महिला ने बताया कि उसके खाते में पैसा ना देकर अधिकारियों ने पैसा किसी और खाते में ट्रांसफर करके निकाल लिया। इतना ही नहीं सरकारी वेबसाइट से उसका डेटा भी हटा दिया गया। अब पीडिता पिछले 6 महीने से अधिकारियों के चक्कर लगा रही है लेकिन उसकी कोई कोई सुनने वाला नहीं है। पेश है एक रिपोर्ट…
पीएम मोदी की योजना भी नहीं रही अछूती
पीएम मोदी के लाख कोशिशों के बाद भी भ्रष्टाचार ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा है। उन्होंने बिचौलियों को हेरफेर करने से रोकने के लिए तमाम नियन और कानून बना डाले लेकिन अधिकारीयों ने भ्रष्टाचार के चलते उनके ही योजना पर पलीता लगा डाला। और यह बात सच साबित हो रही है कि कोई भी सरकारी योजना घोटालों से अछूती नहीं रहती है, ऊपर से लेकर निचले स्तर तक योजनाओं के क्रियान्वन से पहले से अधिकारी, कर्मचारी हाँथ मारने की कोशिश में लगे रहते हैं। गरीबों, असहायों को योजनाओं का लाभ मिलने से पहले अधिकारी मुंह मार ही लेते हैं।
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ऐसे चल रहा घोटाले का खेल
मामला सीतापुर जिले का है, आपको बता दें कि सीतापुर के हरगांव विकासखंड के उदनापुर कोरैया गांव निवासी शायरा बानो को 2016-17 में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आवास मिला था, जिनके पास एकमात्र बैंक खाता इलाहाबाद बैंक में है, लेकिन आवास योजना के अंतर्गत मिली धनराशि किसी और के खाते में दी गयी है। शायरा बानो के दस्तावेज में साफ जाहिर है कि 40 हज़ार और 70 हज़ार की दो किस्तों में धनराशि किसी स्टेट बैंक खाताधारक को देकर लाभ पहुँचाया गया है।
इतना ही नहीं चंद पैसों के लालच में अधिकारीयों ने दूसरे अपात्र लाभार्थी के बैंक अकाउंट को वेरीफाइड कर दिया है, और दूसरे के आवास की फोटो भी पोर्टल पर डाल दी गयी है। इस पूरे खेल में ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी समेत परियोजना निदेशक भी शामिल हैं। शिकायतकर्ता शायरा बानो ने प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक, पुलिस से लेकर अफसर तक बीते 6 महीने से लगातार कर रही है, लेकिन उसे चक्कर काटने के शिवाय कोई हल नहीं मिल रहा है। आपको बता दें कि कि सीतापुर जिले में ऐसी शिकायतें शायरा बानो, जावेद, और जियाउद्दीन समेत कई लोगों की सामने आयी हैं, इस तरह लाखों के घोटालों का खेल चल रहा है।
जब पीएम मोदी लेते हैं ग्रामीण लाभार्थियों से सीधे फीडबैक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना के पारदर्शिता के लिए कई कदम उठाये लेकिन अधिकारी वर्ग उनकी योजनाओं में पानी फेरने में लगा है। योजना की सफलता की सीधी जानकारी के लिए पीएम मोदी ने ग्रामीण लाभार्थियों से रूबरू हुए। उन्होंने ग्रामीणों से आवास से सम्बंधित तमाम सवाल किये, और ग्रामीणों ने उनके सवालों के जवाब भी दिए। लेकिन तस्वीरों में जो देखने को मिला कुछ अलग ही रहा, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बैठे सभी ग्रामीणों के हाथ में घर की डमी चावी और घर की तस्वीरें देखने को मिली, जिससे साफ जाहिर होता है कि कॉन्फ्रेंसिंग में बुलाये गए ग्रामीणों को पीएम मोदी से बातचीत करने के लिए पहले ही ट्रेंड कर दिया गया था, और उनके हांथों में चावी और घर की तस्वीरें थमा दी गयीं।