मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सीतापुर दौरे के बाद से अब तक 2 बच्चों की जान गई और लगभग 11 लोग घायल हुये. सीतापुर जिले के सदर तहसील का इलाका आदमखोर जानवरों के आतंक से जूझ रहा है.
CM के दौरे के बाद आदमखोर के हमले से हुई 2 बच्चों की मौत:
11 मई तक सीतापुर में आदमखोर जानवर 12 बच्चों की जान ले चुके थे. जबकि काफी संख्या में बच्चों को घायल कर चुके थे. शोर इस कदर मचा कि प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ को सीतापुर जाना पड़ा. मुख्यमंत्री आए, घायलों और मृतकों के परिवार वालों से मिले और उनके लिए इलाज और आर्थिक मदद का ऐलान भी किया.
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वहीं यह भी कहा कि अब आदमखोर जानवरों का आतंक खत्म होकर ही रहेगा. क्योंकि प्रदेश के मुखिया ने यह बात कही थी इसलिए लोगों को लगा कि अब तो सिस्टम सुधरेगा ही और आदमखोरों पर नकेल कसी जाएगी. मासूमों पर हो रहे हमले में रोकथाम होगी.
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लेकिन मुख्यमंत्री के जाते ही सारे सिस्टम फेल हो गए, आदमखोरों का आतंक खत्म होने के बजाय और बढ़ गया. हादसों का ग्राफ ऐसा है कि मुख्यमंत्री के जाने के बाद हर दिन आदमखोरों के हमले सामने आने लगे.
पीड़ितों से मिलकर CM ने दिया था आश्वासन:
आपको बता दें कि 11 मई को मुख्यमंत्री सीतापुर जिले के सिर्फ उन पीड़ितों से मिलने गए थे जिनके परिवार के सदस्यों को आदमखोर जानवरों ने या तो अपना निवाला बना चुके थे या फिर घायल कर चुके थे.
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मुख्यमंत्री उस दौरान बेहद सख्त लहजे में कहा था कि आप इन आदमखोरों के आतंक का अंत होना चाहिए. प्रशासन को इन आदमखोरों से निपटने के ठोस इंतजाम करने के निर्देश भी दिए, लेकिन मुख्यमंत्री के जाने के बाद प्रशासन ने उनके आदेश को गंभीरता से लेते बिल्कुल नजर नहीं आए.
Reality check: बच्चों को मारने वाले आदमखोर कुत्ते या फिर जंगली जानवर…?
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के दौरे के ठीक 1 दिन बाद ही 13 मई को आदमखोर कुत्तों ने खैराबाद के महेशपुर गांव के छन्गा की पुत्री रीना को अपना निवाला बनाया, फिर 14 मई को कुत्तों ने 6 बकरियों पर हमला बोला.
15 मई को शहर कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बिहारी गंज निवासी याकूब की की पुत्री सहरीन को घायल कर दिया.
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16 मई को शहर के टेडवा चिलौला गांव में तालगांव के उदयभानपुर निवासी विनीत व खैराबाद के बारा भारी निवासी पल्लवी को घायल कर दिया.
17 मई को मानपुर में खैरमपुर निवासी छोटेलाल की पुत्री सोनम पर जानलेवा हमला कर दिया जिसके चलते एक दिन बाद ही सोनम की मौत हो गई.
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19 मई को आदमखोरों ने खैराबाद के सुजावलपुर में शिवरानी, बन्नीशाहपुर के सुएब के पुत्र कैफ, शाहपुर के बबरापुर के सर्वेश, और रणजीत को घायल कर दिया.
इसके बाद 20 मई को तालगांव के रमपुरवा निवासी सुरेश के पुत्र सुनील, लहरपुर के शेख टोला निवासी छोटू, घनश्याम व उनके पिता लोकई पर आदमखोर जानवर ने हमला बोल दिया.
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कुल मिलाकर मुख्यमंत्री के दौरे की एक दिन बाद ही आदमखोरों के हमले बंद होने की बजाए और तेजी आ गई. नतीजा 13 से 20 मई तक महज 8 दिनों में इन आदमखोरों ने दो मासूमों की जान ले ली और 11 लोगों को घायल कर दिया. ये हादसे यह बताने के लिए काफी हैं कि यहां के जिम्मेदारों ने मुख्यमंत्री के आदेश को कितनी गंभीरता से लिया है.
हमले लोमड़ी कर रही न कि कुत्ते:
MRSP नाम की एक संस्था ने आदमखोर कुत्तों के हमले के संबंध में मौके पर जाकर पशु कल्याण अधिकारी प्रदीप कुमार पात्रा ने बताया कि हमले लोमड़ी कर रही है ना कि कुत्ते. उन्होंने कहा कि अब तक जांच में जो भी पता चला उससे हमले से लोमड़ी द्वारा करने की पुष्टि हो रही है.
पात्रा का बयान ऐसे समय पर आया है कि जब पशु चिकित्सक विभाग वन विभाग की टीम वहां शोध कर रहे हैं कि हमला करने वाला आदमखोर कुत्ते हैं या फिर कोई और जानवर.
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हालांकि प्रशासन व वन विभाग अभी हमलावर को आदमखोर कुत्ते ही मान रहे हैं, पशु कल्याण अधिकारी प्रदीप कुमार पात्रा ने कहा कि उन्होंने गुरपलिया खैराबाद के अकबरगंज, तालगांव के रमपुरवा आदि गांवों में जाकर पीड़ितों से मुलाकात की हमला करने वाले पशुओं के बारे में बात की जानकारी ली इसके बाद गांव का आसपास का इलाका देखा.
बच्चों पर हमला करने वाले जानवर की अब तक नहीं हो सकी पहचान
ऐसे में कई स्थान पर लोमड़ी की मांदे मिली. इन मांदों में लोमड़ी के बच्चे भी मिले उन्होंने कहा कि लोमड़ी के 1 बच्चे को मार भी डाला है. ऐसा लग रहा कि लोमड़ी ने अपना बदला लिया है.
उन्होंने यह भी कहा कि क्षेत्र के ग्राम अकबर गंज निवासी शिवचरण का पुत्र उसके हमले से घायल हुआ है लेकिन उसके परिवार को अभी तक कोई मुआवजा नहीं मिला. उन्होंने लोगों से अपील भी की कि कुत्तों को ना मारे बल्कि यह देखें कि हमला करने वाला कौन सा जानवर रहा है.