उत्तर प्रदेश की सीतापुर पुलिस इन दिनों ऐसा काम कर रही है कि जिसे सुनकर हर कोई पुलिस की तारीफ करते नहीं थक रहा है। सीतापुर जिले में आमजन, पुलिस और अपराधियों के बीच एक नए तरह का रिश्ता जुड़ रहा है। पुलिस बेटियों को थानेदारी की कमान सौंप रही है, बालिग प्रेमी जोड़ों को परिणय सूत्र में बांध रही है और अपराधियों को सौगंध दिला जरायम छोड़ मेहनतकश बनने का पाठ पढ़ा रही है। परिणाम सकारात्मक निकल रहा है। तीन दिन पहले लहरपुर कोतवाली में सजा काट चुके या जमानत पर रिहा 51 लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में अपराध छोड़ मेहनतकश बनने की सौगंध ली।
श्रम विभाग में 51 अपराधियों का कराया पंजीकरण
यह मुहिम जिले के एसपी आनंद कुलकर्णी की पहल पर शुरू हुई है। उनकी मौजूदगी में एएसपी मधुबन सिंह द्वारा शपथ के बाद 51 अपराधियों का श्रम विभाग में पंजीकरण भी कराया गया है। इनका चयन पहले से किया गया था। लहरपुर पुलिस द्वारा यह पहल अपराधिक घटनाओं को कम करने के लिए की गई। सीओ लहरपुर अखंड प्रताप सिंह के मुताबिक अब इन लोगों को कौशल विकास मिशन से प्रशिक्षण भी दिलवाया जाएगा। सभी अपनी रुचि के ट्रेडों का प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे और फिर स्वरोजगार से जुड़ जाएंगे।
छात्राओं को सौंपी गई 26 थानों की कमान
पुलिस और पब्लिक के बीच दूरियां कम करने के उद्देश्य से एक एक कर जिले के 26 थानों की कमान होनहार छात्राओं को सौंपी गई। थानों की कमान मिलने के बाद बेटियां भी पूरे एक्शन में रहीं। जिले भर में वाहन चेकिंग के दौरान बेटियों ने करीब 200 वाहनों का चालान किया। इसी तरह प्रेमी युगलों द्वारा कोई गलत कदम उठाने से रोकने के लिए पुलिस ने पहले उनके परिजनों को मनाया और फिर थानों में ही शादी समारोह आयोजित कराए। लहरपुर और सदरपुर में दो निकाह भी कराए गए। पुलिस अब तक छह शादियां और दो निकाह करवा चुकी है।
एनकाउंटर के भय से थाने में सोते हैं सिपाही
एसपी आनंद कुलकर्णी ने पिछले छह महीनों में सीतापुर में पुलिसिंग के और भी कई प्रयोग किये हैं। पहले उन्होंने सभी थानों में डोजियर रजिस्टर पर लूट, डकैती, नकबजनी और वाहन चोरी में शामिल 1800 अपराधियों की सूची बनवाई। इसके बाद अभियान चलाकर 23 इनामी दबोचे और पांच ने आत्मसमर्पण कर दिया। लहरपुर में यह प्रयोग एक कदम आगे बढ़ा। यहां पुलिस की पहल पर एनकाउंटर के डर से पुराने अपराधी हाजिरी लगाने लगे। ये दोबारा अपराध न कर सकें इसके लिए पुलिस ने भरोसा होने तक इनके वहीं रात में सोने की भी व्यवस्था कराई। थानों में हिस्ट्रीशीटरों की बैठक कराई गई और इन्हीं लोगों को बाद में शपथ दिलाई गई।