प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट के तहत जहां युवाओं को कौशल विकास मिशन प्रशिक्षण के कार्यक्रम द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा है। वहीं कौशांबी जिला कारागार में भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन ने इंटर पास युवाओं को सर्विलांस की ट्रेनिंग देकर न केवल ऐसे अपराधों पर अंकुश लगाने का मन बनाया है। बल्कि उन्हें इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराने की तैयारी भी कर रहा है।
जिला कारागार में अधिकारियों ने जेल में निरुद्ध बंदियों को बताया कि उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत कोई भी तकनीकी प्रशिक्षण ले सकता है। इसके तहत योग्यता के अनुसार अलग-अलग विधाओं में प्रशिक्षण पाने का अवसर मिलता है। प्रशिक्षण के लिए वेबपोर्टल (यूपीएसडीएम.जीओवी.इन) पर पंजीयन कराया जा सकता है। उप्र कौशल विकास मिशन के तहर सर्विलांस के साथ ही हैंडीक्राफ्ट, इंस्ट्रूमेशन, ऑटोमेशन और कम्युनिकेशन के चार नए ट्रेडों का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 50 से 500 घंटे की ट्रेनिंग वाली इन चारों ट्रेडों में प्रशिक्षण के बाद नौकरी के अवसर भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
जेल अधीक्षक बी.एस.मुकुंद ने बताया कि शनिवार को जिलाधिकारी के दिशा निर्देशन में उत्तर प्रदेश कौशल विकाश मिशन, एक यात्रा ‘कौशल से रोज़गार तक’ एवं राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश- प्रगतिशील युग में व्यावसायिक शिक्षा का योगदान के अन्तर्गत जेल निरुद्ध बंदियो को प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जेल अधीक्षक ने जीवन में रोज़गार के महत्त्व को विस्तार से बताया तथा बताया की जेल में महिला बन्दियों हेतु कढ़ाई-बुनाई, सिलाई, मोमबत्ती बनाना, अचार बनाना, केले की चिप्स, आँवला का मुरब्बा इत्यादि के प्रशिक्षण एवं पुरुष बंदियो हेतु बिजली मैकेनिक, पिलम्बर, राजमिसत्री, ट्रैक्टर मैकेनिक जैसे अनेको रोज़गार के प्रशिक्षण जेल में ही दिए जाएँगे।
आई.टी.आई. की महिला प्रशिक्षक विजय लक्ष्मी द्वारा महिला बंदियो को रोज़गार से अपने पैरों पर खड़ा होने का महत्व बताया। आई.टी.आई. के प्रिंसिपल एस.के. श्रीवास्तव एवं कौशल विकाश मिशन के डायरेक्टर अमित सिंह द्वारा बंदियो के लिए रोज़गार की पहल के लिए जेल अधीक्षक के प्रयास की सराहना की गयी तथा रोज़गार के बारे में बताते हुए इस मोके का फ़ायदा उठाने की अपील बंदियो से की गयी।कार्यशाला में आई.टी.आई. के प्रशिक्षक अरुण कुमार, ब्रजमोहन ने भी भाग लिया। कार्यशाला में उपकारापाल संजय राय एवं श्री राम शंकर सरोज एवं हवलदार कमलेश श्रीवास्तव का योगदान सराहनीय रहा।