अभी पिछले रविवार को ही राजधानी को स्मार्ट सिटी बनाने पर बड़ा मंथन हुआ था। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत सभी प्रमुख लोग उसमें जुटे थे, लेकिन रविवार रात से रुक-रूककर हो रही मूसलाधार बारिश ने सारी हकीकत सामने रख दी। चोक पड़े नालों से राजधानी की सड़कें तलैया बन गईं। वीआईपी सड़कों पर इतना अधिक पानी था कि वाहन उसमें डूबे नजर आ रहे थे। बारिश को लेकर नगर निगम की तैयारी में भारी छेद नजर आ रहा था, जबकि नाला सफाई में नौ करोड़ खर्च की तैयारी है। कागजों में सफाई के नाम पर हुए खेल का नतीजा रहा कि बारिश का पानी नालों में नहीं जा सका। नाले ऊपर तक गंदगी से भरे थे और पार्षद लगातार यह आरोप लगा रहे थे कि नालों की सफाई नहीं हो रही है और इसका असर शहर पर दिखाई पड़ेगा।
भारी बारिश से गोमतीनगर जैसे पॉश इलाकों में घुटनों से ऊपर तक पानी था। यहां मेट्रो रेल के दफ्तर के बाहर गाड़ियां डूबी नजर आ रही थी। वीआईपी मार्ग लोहिया पथ पर भी नदी जैसा नजारा था तो कालिदास मार्ग, गौतम पल्ली और माल एवेन्यू की सड़क पर पानी भरा था। पुराने शहर से जुड़े मोहल्लों और अनियोजित इलाकों का तो बुरा हाल था। रिवर बैंक कालोनी, अलीगंज, डालीगंज, कैसरबाग, अमीनाबाद, ऐशबाग, राजाजीपुरम, आलमबाग चारबाग समेत शहर के अन्य इलाकों में कई घंटे सड़क पर पानी भरा रहा। फैजुल्लागंज, पारा, इस्माइलगंज, सुरेंद्र नगर, तेलीबाग समेत अन्य इलाकों में इतना भारी भर गया था कि लोगों को ऊपरी मंजिल पर जाना पड़ा।
पटेलनगर में तो शाम को भी पानी भरा था और नगर निगम के पंपों से पानी निकाला जा रहा था। सरकटा नाले में ऊपर तक पानी भरा होने के कारण चौक व कालीजी मंदिर, इंदिरानगर, सीतापुर रोड समेत शहर के कई इलाकों में घरों में पानी घुस गया था। ऐसे में लोगो को सामान समेटना पड़ा। पानी में कीड़े दिखने के कारण इंदिरानगर निवासी डीपी मिश्र के परिवार ने पहली मंजिल में शरण ली। ऐसा ही हाल सीतापुर रोड योजना में एलडीए की आईडियल कालोनी निवासी सुदर्मा सिंह के परिवार को भी करना पड़ा। विधायक नीरज बोरा ने चौक, मल्लाही टोला, त्रिवेणीनगर, खदरा समेत उत्तर विधान सभा क्षेत्र में हुए जलभराव पर नाराजगी जताई और सीएम को पत्र भेजकर स्थिति से अवगत कराया। भारी बारिश से पूरे शर में चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है।