सोनभद्र में विकास भवन के जिला पंचायत रिसोर्स सेंटर में आबकारी विभाग ने देशी शराब, कम्पोजिट शॉप, मॉडल शॉप और भांग की फुटकर दुकानों के लाइसेंस के लिए ई-लॉटरी [ Sonbhadra Liquor Lottery ] आयोजित की। यह प्रक्रिया प्रमुख सचिव, आयुष तथा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन रंजन कुमार के पर्यवेक्षण, जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह की अध्यक्षता और अशोक कुमार मीणा की निगरानी में संपन्न हुई।

पारदर्शी प्रक्रिया में संपन्न हुई ई-लॉटरी [ Sonbhadra Liquor Lottery ]

ई-लॉटरी प्रक्रिया दोपहर 2 बजे शुरू हुई और महज 40 मिनट में ऑनलाइन माध्यम से पूरी की गई। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और शांतिपूर्ण थी, जिसमें कड़ी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई। एएसपी कालू सिंह के नेतृत्व में भारी पुलिस बल मौजूद रहा, जिससे किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके। जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि “जनपद के अंतर्गत संचालित देशी शराब, कम्पोजिट शॉप, मॉडल शॉप एवं भांग की फुटकर दुकानों का व्यवस्थापन ई-लॉटरी के माध्यम से दोपहर दो बजे दुकनों के लिए आवेदकों की उपस्थिति में लॉटरी की कार्यवाही सम्पन्न करायी गई। शराब और बीयर की दुकानों के लिए बृहस्पतिवार को कड़ी सुरक्षा के बीच ई-लॉटरी हुई।”

सोनभद्र में ई-लॉटरी से मिला 300 करोड़ से अधिक राजस्व [ Sonbhadra Liquor Lottery ]

इस ई-लॉटरी में कुल 221 शराब दुकानों और 6 भांग दुकानों के नए लाइसेंसी चुने गए। विभिन्न प्रकार की दुकानों के लिए आवेदन और आवंटन की विस्तृत जानकारी निम्नलिखित तालिका में दी गई है:

दुकान का प्रकारकुल दुकानेंप्राप्त आवेदन
देशी शराब1321837
अंग्रेजी शराब व बीयर (कंपोजिट दुकान)881751
मॉडल शॉप16
भांग की दुकान9 (6 आवंटित)24

कम्पोजिट दुकानों के लिए विशेष रूप से रुचि देखी गई, खासकर बॉर्डर और नगरीय क्षेत्रों में। रॉबर्ट्सगंज के अंबेडकरनगर स्थित कम्पोजिट दुकान के लिए सबसे अधिक 130 आवेदन आए, जो सुनील हलवाई को आवंटित हुई। इसके विपरीत, कोठा टोला की दुकान पर सिर्फ एक आवेदन आया, और भोला प्रसाद लाइसेंस पाने में सफल रहे। अन्य उल्लेखनीय आंकड़े इस प्रकार हैं:

  • पन्नूगंज के लिए 90 आवेदन।
  • खलियारी के लिए 87 आवेदन।
  • शक्तिनगर बस स्टैंड की दुकान के लिए 85 आवेदन।
  • देसी शराब की दुकानों में इमलीपुर के लिए 86 आवेदन, घोरावल रोड (रॉबर्ट्सगंज) के लिए 54, कुसीडौर के लिए 50, मधुपुर के लिए 47, और शाहगंज के लिए 46 आवेदन आए।

राजस्व और आर्थिक प्रभाव [ Sonbhadra Liquor Lottery ]

जिला आबकारी अधिकारी प्रवीण पांडेय ने बताया कि “जिले में ई-लॉटरी के लिए आए आवेदनों के जरिए 300 करोड़ से अधिक का राजस्व मिला है।” यह राजस्व आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और जिले के विकास में योगदान दे सकता है। शासन के निर्देशों के तहत यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी ढंग से संपन्न की गई, जो उत्तर प्रदेश में आबकारी नीति के तहत एक नवाचार है।

सामाजिक और क्षेत्रीय रुचि

कम्पोजिट दुकानों, विशेषकर बिहार और मध्य प्रदेश बॉर्डर की दुकानों के लिए आवेदकों में परिणाम जानने की व्याकुलता सबसे अधिक थी। नगरीय क्षेत्रों में भी रुचि देखी गई, और कई आवेदकों के चेहरे ई-लॉटरी के बाद मुरझा गए, जबकि कुछ मनचाही दुकान पाने के बाद प्रफुल्लित होकर घर गए। यह प्रक्रिया न केवल आर्थिक बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण थी, क्योंकि यह स्थानीय लोगों की भागीदारी और रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देती है।

सोनभद्र में 7 मार्च 2025 को संपन्न हुई ई-लॉटरी एक सफल और पारदर्शी प्रक्रिया थी, जिसने शराब और भांग की दुकानों के लाइसेंस आवंटन में निष्पक्षता सुनिश्चित की। 300 करोड़ से अधिक के राजस्व के साथ यह जिले के आर्थिक विकास में योगदान देगा। यह घटना उत्तर प्रदेश की आबकारी नीति के तहत डिजिटल और समान प्रणाली के उपयोग को दर्शाती है

अस्वीकरण:

इस पृष्ठ पर ई-लॉटरी  से संबंधित दी गई जानकारी विभिन्न सार्वजनिक रूप से उपलब्ध स्रोतों, जिनमें https://exciseelotteryup.upsdc.gov.in/ शामिल है, से प्राप्त की गई है।  उत्तर प्रदेश में  “ई-लॉटरी  पोर्टल  “ ई-लॉटरी से संबंधित डेटा का आधिकारिक स्रोत है और यहां प्रस्तुत सामग्री उनके आधिकारिक रिकॉर्ड पर आधारित है। यह डेटा इस लेख के प्रकाशन की तारीख तक संकलित किया गया है।

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