जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायीन हमले में कन्नौज के प्रदीप शहीद हो गए। शहादत की बात सुनकर पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। डीएम, एसपी समेत अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंच परिजनों को ढांढस बंधाया। अधिकारियों ने शहीद को कंधा देकर अंतिम विदाई दी। इस दौरान सैकड़ों लोग गमगीन होकर रोने लगे। शहीद के मौसेरे भाई सोनू ने बताया कि छुट्टी खत्म होने पर 10 फरवरी को वह जम्मू रवाना हुए थे। 11 जनवरी को वह जम्मू पहुंचे। बुधवार सुबह भी उन्होंने घर पर फोन किया था। आखिरी बार भाभी से ही बात की थी। करीब 10 मिनट ही बात हुई थी। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायीन हमले में 40 जवान शहीद हो गए वहीं 40 से अधिक जवान घायल हैं।
शहीद प्रदीप की पत्नी नीरज ने बतिया कि मेरी उनसे बात हो रही थी कि एकाएक फोन पर तेज धमाके की आवाज सुनाई दी फिर फोन भी कट गया। मैं बेचैन हुई दोबारा कई बार फोन मिलाया, लेकिन लगा नहीं। फिर टीवी पर जम्मू के पुलवामा में हुए आतंकी हमले की खबर देखी तो दिल बैठ गया। उसके बाद पति का हाल जानने के लिए छटपटाती रही, लेकिन कोई जानकारी नहीं हुई।
शाम को कंट्रोल रूम से फोन आया और उनकी शहादत की खबर मिली। बस इतना बोलकर पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए तिर्वा, कन्नौज के सुखसेनपुर गांव निवासी प्रदीप सिंह यादव की पत्नी नीरज रो पड़ीं। प्रदीप का परिवार कानपुर में कल्याणपुर के बारासिरोही में रहता है। उनकी दो बेटियां सुप्रिया(10) व छोटी (2) हैं। परिवार के साथ ही प्रदीप का मौसेरा भाई सोनू भी रहता है। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में शहादत देने वाले 40 जवानों को पूरा देश सलाम कर रहा है।आज इन जवानों के पार्थिव शरीर पैतृक आवास पहुंच रहे हैं, जहां उन्हें अंतिम विदाई दी जा रही है. अलग-अलग शहरों में क्षेत्रीय लोग और नेता जवानों की अंतिम विदाई में शिरकत कर रहे हैं।
कन्नौज जिले का लाल इंदरगढ़के सुखसेनपुर के रहने वाले प्रदीप सिंह यादव पुलवामा हमले में शहीद हो गए। वह श्रीनगर में 115 बटालियन में शामिल थे, जिसे आंतकियों ने निशाना बनाया था। शनिवार को शहीद प्रदीप की बेटी सुप्रिया ने अपने पिता को मुखाग्नि दी। जैसे ही बेटी ने मुखाग्नि दी वह बेहोश हो गई। गुरूवार देर रात शहीद होने की खबर उनके पैतृक घर पहुंची तो परिजनों पर गम का पहाड़ टूट पड़ा।
बता दें कि प्रदीप सिंह यादव श्रीनगर में 115 बटालियन में सिपाही थे। चार दिन पहले छुट्टी से वापस लौटे थे। प्रदीप सिंह की पत्नी नीरज देवी अपनी दो बेटियां सुप्रिया यादव (10) और ढाई साल की सोना यादव के साथ कानपुर में रहती हैं। 10 फरवरी को परिवार से विदा होकर वह जम्मू रवाना हुए थे। 11 जनवरी को वह जम्मू पहुंचे थे।इससे पहले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुलवामा हमले के शहीद प्रदीप सिंह यादव के घर गए थे। वहां पर उन्होंने कहा कि ऐसी घटना देश में कहीं नहीं हुई है।
मोदी सरकार कर तंज कसते हुए अखिलेश बोले कि पहले भी ऐसी हाई लेवल मीटिंग हो चुकी है, पर इतना बड़ा इंटेलिजेंस फेल्योर आखिर हुआ कैसे? अखिलेश ने इसे लेकर ट्वीट किया, उन्होंने लिखा कि ये अश्रुपूर्ण तस्वीरें बेहद दर्दनाक हैं। हम इस बच्ची के भविष्य के लिए जो कुछ भी कर सकेंगे। इन दुखद क्षणों में देश को आगे आकर शहीदों के परिवारों को हर संभव मानसिक, सामाजिक और आर्थिक सहायता देनी चाहिए।
गौरतलब है कि सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से कश्मीर की ओर जा रहा था। काफिले में करीब 78 गाड़ियां थीं। जिनमें 2500 से ज्यादा जवान मौजूद थे। आतंकियों ने जिस बस को टारगेट बनाया, उसमें 40 से ज्यादा जवान मौजूद थे। जैश-ऐ-मोहम्मद के आतंकी ने 350 किलो विस्फोटक से लदे वाहन को सीआरपीएफ की बस से भिड़ा दिया। जिससे हुए ब्लास्ट में हमारे जवानों के लहू से सड़कें लाल हो गईं। धमाके की गूंज 10 किमी तक सुनाई दी। धमाके के बाद आतंकियों ने काफिले पर फायरिंग भी की।
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