भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह शनिवार 29 जुलाई को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के तीन दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे। इस दौरान समाजवादी पार्टी के दो और बहुजन समाज पार्टी के 1 MLC (SP BSP MLC)ने विधानपरिषद् की सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया था। सपा की ओर से यशवंत सिंह, बुक्कल नवाब और बसपा की ओर से जयवीर सिंह ने इस्तीफ़ा दिया था।
तीनों पूर्व एमएलसी ने ज्वाइन की भाजपा(SP BSP MLC):
- शनिवार को सपा के 2 और बसपा के 1 MLC ने विधानपरिषद से इस्तीफ़ा दे दिया था।
- जिसके बाद सोमवार को तीनों पूर्व MLC ने भाजपा की सदस्यता ले ली है।
- सोमवार को तीनों पूर्व MLC ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के सामने पार्टी की सदस्यता ली।
- सदस्यता कार्यक्रम का आयोजन राजधानी लखनऊ स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में आयोजित किया गया था।
शनिवार को दिया था MLC पद से इस्तीफ़ा:
- हालाँकि लखनऊ दौरे पर बीजेपी का ‘शाही’ अंदाज केवल बानगी भर था।
- अमित शाह के गुजरात दौरे पर भी कमोवेश यही स्थिति नजर आयी थी।
- कल अमित शाह ने गुजरात से राजयसभा का पर्चा दाखिल किया था।
- कांग्रेस भी अहमद पटेल को राज्यसभा भेजने की कोशिश में जुटी है।
- लेकिन बीजेपी का इरादा कुछ और ही नजर आ रहा है।
- एक तरफ अमित शाह नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे तो वहीँ दूसरी तरफ कांग्रेस के 6 विधायक पार्टी का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हो रहे थे।
- बीजेपी का गेम प्लान बड़ा है. कांग्रेस को तहस-नहस कर बीजेपी गुजरात में अहमद पटेल का रास्ता रोकना चाहती है।
- इसके लिए उसे कांग्रेस के कुछ और विधायकों को अपने पाले में करने की कोशिश है।
- बीजेपी सदन में विधायकों की संख्या कम करने में जुटी है ताकि अहमद पटेल की दुश्वारी और बढ़े।
- बीजेपी के शीर्ष क्रम में अमित शाह और नरेंद्र मोदी विपक्ष को हर प्रकार से कमजोर करने की कोशिश में हैं।
- वहीँ विपक्ष अभी तक इन दोनों नेताओं की रणनीति का काट नहीं ढूंढ पाया है।
बिहार में महागठबंधन ढेर:
- बीजेपी ने बिहार में सत्ता में वापसी की।
- लालू प्रसाद यादव और नीतीश का गठबंधन समाप्त हुआ और बीजेपी ने नीतीश के साथ मिलकर सरकार बना ली।
- वहां भी लालू प्रसाद बौखलाए हुए हैं।
- आखिर जिस बीजेपी को रोकने के लिए महागठबंधन बनाया गया, बीजेपी ने उसमें भी सेंध लगा ली।
- अब विपक्ष के पास नीतीश कुमार जैसा चेहरा भी नहीं जिसे 2019 में सामने कर लोकसभा चुनाव में मैदानी जंग के लिए बिगुल फूंके।