सपा की संसदीय बोर्ड की बैठक में ये फैसला लिया कि पार्टी में क़ौमी एकता दल का विलय नहीं होगा। इसकी आधिकारिक घोषणा सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने की। रामगोपाल यादव ने कहा कि विलय को लेकर अच्छा रिएक्शन नहीं आया जिसके बाद ये फैसला लिया गया।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कैबिनेट का विस्तार करना मुख़्यमंत्री का विशेषाधिकार होता है और पार्टी का इससे कोई लेना देना नहीं है।

बता दें कि कौमी एकता दल की विलय की ख़बरों के बाद सपा के अंदर ही विरोध के स्वर उभरने लगे थे और इस पुरे प्रकरण में मुख़्यमंत्री अखिलेश यादव और सिंचाई मंत्री शिवपाल सिंह यादव आमने सामने हो गए थे। नाटकीय अंदाज में विलय के बाद से अबतक उठापटक जारी थी और अंत में पार्टी ने गठबंधन तोड़ने का फैसला किया।

रामगोपाल वर्मा ने स्वामी प्रसाद मौर्या के बाबत कहा कि अगर वो पार्टी में आना चाहते हैं तो उनके इस निर्णय का स्वागत किया जायेगा।

बैठक के दौरान सीएम अखिलेश के तल्ख रवैये के कारण पार्टी को झुकना पड़ा जब सीएम ने कहा कि विलय की खबर के बाद नकारात्मक सन्देश जा रहा है और ये विलय नहीं होना चाहिए जिसके बाद अन्य नेता चुप रहे और अंतत: महासचिव रामगोपाल यादव ने कौमी एकता दल का विलय सपा में ना होने की पुष्टि की।

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