मुरादाबाद की सीट पर सपा इसे लड़ा सकती है लोकसभा 2019 का चुनाव
आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर सभी पार्टियों की तैयारियां अब जमीन पर उतर चुकी हैं। मुरादाबाद मंडल में मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में है और इसे सपा का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है। वहीँ 2007 में बसपा ने भी यहां से काफी विधान सभा सीटें जीतीं थीं। इसलिए दोनों पार्टियों की संभावनाओं को देखते हुए कुल छह में से तीन-तीन सीटों पर बात होती दिख रही है। सपा एवं बसपा गठबंधन में गुरुवार को सीटों का बंटवारा हो गया। मुरादाबाद सीट समाजवादी पार्टी की झोली में आने से कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। सपा के संभावित प्रत्याशियों में भी टिकट की दावेदारी की दौड़ तेज कर दी है। अभी जो दावेदार हैं उनमें सपा के
मुरादाबाद से पूर्व मंत्री कमाल अख्तर व पूर्व मेयर डॉ एस टी हसन में कांटे की टक्कर है।
हलाकि मजबूती में मुरादाबाद से पूर्व राज्य सभा सदस्य कमाल अख्तर का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है।
मुरादाबाद सीट से सपा के आधा दर्जन से अधिक है दावेदार
मुरादाबाद से आधा दर्जन से अधिक दावेदार हैं। मुरादाबाद लोकसभा सपा की मजबूत गढ़ है। कांग्रेस के बाद सर्वाधिक तीन बार सपा से ही सांसद निर्वाचित हुए हैं। बसपा से गठबंधन के बाद सपा की ताकत बढ़ी है। सीट बंटवारा नहीं होने से दोनों ही पार्टी के दावेदार अभी तक भीतरी तौर पर तैयारियों में जुटे थे।
- गुरुवार को सीट बंटवारे में मुरादाबाद लोकसभा सीट सपा की झोली में आ गई।
- सीटों की घोषणा होते ही सपा नेताओं और कार्यकर्ताओं में जश्न जैसा माहौल हो गया।
मुरादाबाद पीतल पर की गई हस्तशिल्प के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध
रामगंगा नदी के तट पर स्थित मुरादाबाद पीतल पर की गई हस्तशिल्प के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। इसका निर्यात केवल भारत में ही नहीं बल्कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और मध्य पूर्व एशिया देशों में भी किया जाता है। अमरोहा, गजरौला और तिगरी यहां के प्रमुख पयर्टन स्थलों में से हैं। इनके अलावा साईं मंदिर मुरादाबाद और गौतम बुद्ध पार्क भी यहां के प्रसिद्ध दार्शनिक स्थल हैं। रामगंगा और गंगा यहां की दो प्रमुख नदियां हैं।
- मुरादाबाद विशेष रूप से प्राचीन समय की हस्तकला, पीतल के उत्पादों पर की रचनात्मकता और हॉर्न हैंडीक्राफ्ट के लिए सबसे अधिक प्रसिद्ध है।
- यह जिला बिजनौर जिले के उत्तर, बदायूं जिले के दक्षिण, रामपुर जिले के पूर्व और ज्योतिबा फुले नगर जिले के पश्चिम से घिरा हुआ है।
- लखनऊ से मुरादाबाद की दूरी 353.2 किलोमीटर है और दिल्ली से 211.1 किलोमीटर।
- मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश का एक नगर है जो कि पीतल हस्तशिल्प के निर्यात के लिए प्रसिद्ध है।
टिकट किसी को भी मिले, सपा मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी
जिला एवं महानगर इकाइयां पहले से ही चुनावी होम वर्क पूरा कर चुकी हैं। इनमें विधानसभावार हिंदू एवं मुस्लिम वोटरों के अलावा जातिगत आंकड़ों से लेकर पिछले चुनावों का ब्यौरा एकत्र कर समीक्षा कर चुके हैं। लोकसभा टिकट की दौड़ में सपा के आधा दर्जन नेता शामिल हैं।
- सीट बंटवारे की घोषणा होते ही दावेदारों ने अपने समीकरण बैठाने शुरू कर दिए हैं।
- सभी दावेदारों को पार्टी के किसी न किसी बड़े नेता का आशीर्वाद है।
- टिकट किसे मिलेगा और क्या मानक होंगे, इसका फैसला हाईकमान ही करेगा।
- कार्यकर्ताओं का कहना है कि टिकट किसी को मिले, सपा मजबूती से चुनाव लड़ेगी और जीत दर्ज करेगी।
रिपोर्ट- संजीत सिंह सनी
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