एक तरफ जहां डॉ. भीमराव अम्बेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी तानाशाही का परिचय देते हुए तमिलनाडु की स्वर्गीय मुख्यमंत्री जयललिता का नाम तक नहीं लिया था। वहीं सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को बरेली में आयोजित रैली में संवेदनशीलता का परिचय देते हुए दो मिनट का मौन रखकर रैली को समाप्त किया।
इससे साफ़ जाहिर है कि लोग जो कहते हैं कि ‘मन से हैं मुलायम’ यह बात सत्य है वहीं खुद को दलितों का मसीहा कहने वाली मायावती ने परिनिर्वाण दिवस पर भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर सैंडिल पहनकर माल्यार्पण कर तानाशाही का परिचय दिया था। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने उन्हें जूते निकालकर श्रद्धांजलि दी थी।