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यूपी चुनाव में अब समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का साथ उतरना लगभग तय हो चुका है. सीटों की संख्या पर भी दोनों दल लगभग सहमत हो चुके हैं. इस गठबंधन में तीसरा राजनीतिक दल RLD है. अजित सिंह की पार्टी को 25 सीटें मिलने की उम्मीद है. कांग्रेस को 83 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने का मौका मिल सकता है. लेकिन इस गठबंधन में एक पेंच है जिसपर सहमति नहीं बन पा रही है. सपा इस पेंच को बाद में सुलझाने की बात कर रही है जबकि कांग्रेस इस पेंच को लेकर किसी प्रकार का खतरा मोल लेना नहीं चाहती है.
डिप्टी सीएम की पोस्ट बन सकता है विवाद का कारण:
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कांग्रेस ने सपा से 100 से 110 सीटों की मांग की थी लेकिन रामगोपाल यादव ने कांग्रेस की ये मांग ख़ारिज कर दी थी. रामगोपाल यादव का कहना है कि पिछले विधानसभा चुनाव में सीटों को देखते हुए कांग्रेस को 50-60 देनी चाहिए थी. रामगोपाल यादव के इस चुनावी गणित के बाद कांग्रेस सीटों की संख्या पर सहमत तो हो गई है लेकिन डिप्टी सीएम कैंडिडेट कांगेस का ही हो, इसको लेकर कांग्रेस फिलहाल कोई सुलह नहीं करना चाहती है.
- प्रमोद तिवारी को कांग्रेस डिप्टी सीएम का चेहरा बता रही है.
- समाजवादी पार्टी की स्थिति इस गठबंधन में मजबूत है.
- इस लिहाज से समाजवादी पार्टी कांग्रेस की शर्तों के आगे झुकने के मुड में नहीं है.
- जिसके बाद कांग्रेस के पास भी ज्यादा विकल्प बचे नहीं है.
- वहीँ कांग्रेस सपा के साथ मिलकर यूपी में अपनी राजनीतिक जमीन तैयार करने में जुटी हुई है.
- सपा के इंकार की सूरत में कहीं ना कहीं कांग्रेस को इस शर्त की तिलांजलि भी देनी पड़ सकती है.
- प्रमोद तिवारी के सहारे कांग्रेस सरकार में मजबूत हिस्सेदारी चाहती है.
- लेकिन अखिलेश यादव के तेवर देखकर नहीं लगता है कि कांग्रेस की डिप्टी सीएम वाली शर्त मंजूर की जाएगी.
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