उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में अब ज्यादा वक्त नहीं रह गया है। सभी दलों सहित समाजवादी पार्टी भी अब चुनाव को लेकर तैयार हो गयी है। बीते दिनों हुए पारिवारिक कलह के बाद उसे भी पता चल गया है कि इस बार पूर्ण बहुमत से सरकार बनाना आसान नहीं होगा इसी कारण वह कांग्रेस व एनी दलों के साथ गठबंधन करना चाहती है। मगर कांग्रेस का यदि सपा से गठबंधन हुआ तो यह मुलायम के चहेते गायत्री प्रसाद प्रजापति के लिए अच्छा नहीं होगा।
गायत्री को छोड़नी पड़ेगी अमेठी सीट :
- यूपी में महागठबंधन के लिए बीते दिनों सपा प्रमुख और कांग्रेस रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच मुलाक़ात भी हुई थी।
- इस खबर के आते ही सपा के विधायक और दूसरे टिकट दावेदार भी सकते में आ गए है।
- सूत्रों के अनुसार कांग्रेस गठबंधन के लिए अमेठी और रायबरेली में आने वाली विधानसभा सीटों पर अपना कब्जा चाहती है।
- ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में अमेठी-रायबरेली क्षेत्र की 10 में से केवल दो ही सीट उसे मिली थीं।
- उसमें से एक पर तिलोई विधायक मोहम्मद मुस्लिम खां जीते जो अब बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो चुके है।
- साथ ही कांग्रेस अमेठी विधानसभा सीट से डा. अमिता सिंह चुनाव लड़ना चाहती हैं जो एक साल से इसकी तैयारियां कर रही है।
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- मगर इसी सीट से वर्तमान में सपा मुखिया के करीबी गायत्री प्रसाद प्रजापति विधायक और अखिलेश सरकार में मंत्री हैं।
- अब यदि गठबंधन हुआ तो इस सीट पर कौन सी पार्टी दावा ठोकेगी यह काफी दिलचस्प होगा।
- हालांकि बीते काफी दिनों से गायत्री अखिलेश से अपनी नजदीकी बढ़ाने में लगे हुए है।
- रथ यात्रा के दौरान भी गायत्री जोर-शोर से उसकी शुरुआत में शामिल हुए थे।
- गायत्री प्रजापति भी जान गए है कि उन्हें सिर्फ अखिलेश यादव ही उनकी सीट फिर से दिला सकते है।
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