समाजावादी पार्टी में चाचा-भजीते की बीच में चली आ रही लड़ाई ने अब वास्तविक रूप से ‘गृहयुद्ध’ में तबदील हो चुकी है। सीएम अखिलेश यादव को सपा प्रमुख ने पार्टी ने छह साल के लिए निकाल दिया है। इसके बाद पूरे यूपी में अखिलेश के पक्ष में सर्मथकों का हुजुम खड़ा होता दिखने लगा है।

नेताजी हुए गुमराह :

  • मऊ जिले में अल्ताफ़ अंशारी ने अखिलेश यादव के निष्कासन को दुर्भाग्यपूर्ण है।
  • अखिलेश ने अपनी पूर्व लिस्ट में सदर से अल्ताफ़ अंशारी प्रत्याशी बनाया था।
  • अंशारी का कहना है कि नेताजी जो सीएम के खिलाफ जो कदम उठाया है,
  • वह पूरी तरह गलत है।
  • राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह को गुमराह किया गया है।
  • अंशारी ने कहा, नेताजी ने ही हम सभी को सिखाया कि जुर्म और ज्यादती के खिलाफ आवाज़ उठाओं।
  • लेकिन आज पार्टी में उसके उलट ही सारे काम हो रहे हैं।
  • उन्होंने कहा कि वह और पार्टी कार्यकर्ता अखिलेश के ही साथ है।
  • वहीं बुनकर सपा नेता अरशद जमाल ने कहा कि अगर सीएम अखिलेश की सगी मां होती तो उनके ऐसे दिन नहीं आते।

शिवपाल पर लगाया आरोप :

  • मऊ जिले में भी अखिलेश समर्थक व कार्यकर्ता नेजाती के इस फैसले से खुश नहीं है।
  • समर्थकों का आरोप है कि शिवपाल यादव आरएसएस और अपराधियों के बीच खेल रहे हैं।
  • शिवपाल यादव के इशारे पर ही पार्टी इतनी बढ़ी मुसिबत के बीच आ खड़ी हुई है।
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