यूपी में बीजेपी को रोकने के लिए महागठबंधन के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि वे किसी भी त्याग को तैयार हैं। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि बसपा के साथ सपा का गठबंधन रहेगा और 2-4 सीटों का त्याग करना पड़े तो उसके लिए भी समाजवादी लोग तैयार हैं। अब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ उनकी ही पार्टी में ही बगावती सुर तेज होने लगे हैं। मैनपुरी में अखिलेश यादव के दिए गए बयान पर पार्टी नेताओं में असंतोष साफ दिखने लगा है। अब मुलायम के सबसे करीबी और सपा के संस्थापक सदस्य ने अखिलेश यादव के गठबंधन के फैसले पर बड़ा हमला बोला है।
अखिलेश के फैसले को नहीं मानेंगे समाजवादी :
मीडिया से बात करते हुए पूर्व सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के करीबी और समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्य डॉ. सीपी राय कहा कि असली समाजवादी अखिलेश के बसपा के साथ गठबंधन के फैसले को कभी नहीं मानेंगे। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव बसपा के सामने झुककर अपने पिता का भी अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये अखिलेश यादव का आत्मघाती कदम है।
हमारे जैसे लोग जिन्होंने शून्य से चलकर पार्टी को यहां तक खड़ा किया, वे करोड़ों लोग जिन्होंने पार्टी को वोट देकर यहां तक पहुंचाया और मजबूत किया, ये उन सभी के लिए दुखद समाचार है। उन्होंने कहा कि सिर्फ सत्ता पाने के लालच में हम किस हद तक गिर सकते हैं। डॉ. राय ने कहा कि अखिलेश यादव सत्ता पाने के लिए बैसाखियों को क्यों ढूंढ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव इस बारे में न पिता, चाचा, परिवार के लोग, पार्टी के वरिष्ठ नेता और न ही कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे हैं।
मजबूत लोगों के साथ होता है समझौता :
डॉ. राय ने कहा कि ये गठबंधन का युग है लेकिन मजबूत लोगों के साथ गठबंधन होता है। उन्होंने कहा कि कमजोर लोगों से समझौता नहीं होता, अगर कमजोर लोगों से समझौता होगा तो उसमें मान-सम्मान और इज्जत नहीं मिलती। डॉ. राय ने कहा कि उनके इस समझौते से मुलायम सिंह यादव आहत हुए होंगे। असल में मुलायम तो तभी आहत हो गए थे, जब उन्हें बेइज्जत करके बाहर कर दिया गया था। अखिलेश यादव ने अपनों को छोड़ दिया इसलिए उन्हें दूसरों के कंधों पर अपना सिर रखना पड़ रहा है। अगर अपनों के साथ होंगे तो उन्हें किसी और की बैसाखी का सहारा नहीं लेना पड़ेगा।