समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो0 रामगोपाल यादव का 71वां जन्मदिन होने की खुशी में बड़ा समारोह था। उसमें शिरकत करने राजेंद्र चौधरी (rajendra chaudhary) के साथ एस.आर.एस. यादव, एम.एल.सी. 08ः15 बजे सुबह लखनऊ से रवाना हुए तो ड्राइवर ने 100 कि.मी. प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ ली। कुल दो घंटे में ही सैफई का रास्ता तय हो गया।
- समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि रास्ते में बांगरमऊ क्षेत्र से गुजरते हुए उस दिन की पुरानी यादें भी ताजा हो गई जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के द्वारा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन हुआ था।
- उस मौके पर वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने भी उड़ान भरी थी।
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राजेंद्र चौधरी ने बताया कि लखनऊ से सैफई का रास्ता पहले पांच-छह घंटे में तय होता था। अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी सरकार ने आठ लेन के एक्सप्रेस-वे को दो वर्ष में ही बनाकर तैयार करा दिया। शेरशाह सूरी के बाद यह अखिलश जी की ही कर्मठता और दृढ़ इच्छाशक्ति थी कि फिर विकास की एक नयी महागाथा धरती पर साकार हो सकी।
भारत भर में ऐसा एक्सप्रेस-वे अभी तक नहीं बना है। यह एक्सप्रेस-वे देश का गौरव है। इसके किनारे किसानों के लिए आलू, फल, सब्जी, दूध और अनाज की मंडियों की व्यवस्था भी है। खेती और किसान के लिए अखिलेश जी की चिंता का यह उल्लेखनीय प्रमाण है।
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थोड़ा आगे बढ़े तो गंगा नदी का पुल आ गया। दोनों तरफ खेत-हरियाली के बीच विकास की गंगा में अविरल प्रवाह को अखिलेश ने ही गति दी थी। भारतीय राजनीति और जन सरोकार का भी यह अपूर्व संगम बना है।
गंगा नदी का पुल पार करते ही बूंदाबांदी तेज हो गई। किसानों को इसका बेसब्री से इंतजार था। रास्ते में कन्नौज नगरी को भी हम छूते हुए आगे बढ़े। अपने इत्र के लिए विश्वविख्यात इस नगरी का लोकसभा में प्रतिनिधित्व डिम्पल यादव कर रही हैं। इस क्षेत्र के विकास के लिए भी अनेक योजनाएं आकार ले रही हैं।
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चूंकि अखिलेश यादव विकासपरक राजनीति के लिए प्रारंम्भ से ही प्रतिबद्ध रहे हैं उन्होंने अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में विकास की गंगा बहाने के लिए अथक श्रम किया। उन्होंने प्रदेश भर में जिला मुख्यालयों को चार लेन की सड़कों को जोड़ने का बड़ा काम किया।
सड़क-पुल की कई योजनाएं लागू की। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे उनकी बड़ी महत्वाकांक्षी योजनाएं रही। इसके लिए उन्होंने केंद्र से मदद की परवाह किए बिना अपने संसाधनों से विकास कार्यों को अंजाम दिया।
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सच तो यह है कि यह प्रदेश विकास की राजनीति से बहुत दूर था। अखिलेश यादव ने इसे नई दिशा और नई गति दी। इससे वर्तमान सरकारे चाहें केंद्र की हो या राज्य की, भौंचक है।
केंद्र की भाजपा सरकार ने तीन वर्षों में ऐसा कोई काम नहीं किया जिसे मील का पत्थर बताया जा सके। यह कैसी विडम्बना है कि जो विकास की गंगा अखिलेश यादव ने बहाई थी उसे जांच के नाम पर भाजपा सरकार प्रदूषित कर अपनी ओछी मानसिकता का प्रदर्शन कर रही है।
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निःसंदेह अखिलेश यादव ने राजनीति में असंभव विकास को भी धरती पर उतारने का जो भगीरथ प्रयास किया उसके एक नहीं अनेक उदाहरण प्रस्तुत किए जा सकते हैं।
अखिलेश के श्रेयस्कर कार्यों पर भ्रम फैलाने (rajendra chaudhary) और अवरोध पैदा करने के दुष्प्रयासों को प्रदेश की जनता ही धूल चटाएगी।