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झाँसी: वीरेन्द्र यादव व भगवान सिंह ने सपा छोड़ ज्वाइन किया सेक्युलर मोर्चा

शिवपाल यादव ने कहा देश में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर

शिवपाल यादव ने कहा देश में अपराध और भ्रष्टाचार चरम पर

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के परिवार में छिड़ी जंग का असर अब खुलकर सामने आने लगा है। सपा में बन चुके 2 गुट अब आमने सामने आ गए हैं। इसका असर यूपी के कई जिलों में देखने को मिल रहा है जहाँ पर सपा के कई नेता पार्टी छोड़कर शिवपाल यादव के सेक्युलर मोर्चे में शामिल हो रहे हैं। लोकसभा चुनावों के पहले समाजवादी पार्टी का इस तरह 2 टुकड़ों में बंट जाना निश्चित तौर पर पार्टी के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर देगा। इसी क्रम में अब सपा के कई नेता सेक्युलर मोर्चे में शामिल हो रहे हैं।

कई सपा नेताओं ने ज्वाइन किया सेक्युलर मोर्चा :

शिवपाल यादव द्वारा सपा नेता से खुद को मोर्चा का पदाधिकारी बनने की बात जैसे ही फ़ैली, उनके पुराने करीबी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने उनसे सम्पर्क करना शुरू कर दिया। झांसी में रानी लक्ष्मीबाई अरबन को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन डॉ. वीरेन्द्र सिंह यादव व बड़ागाँव के नामचीन जिला सहकारी बैंक के पूर्व डायरेक्टर भगवान सिंह यादव ने लखनऊ पहुँचकर शिवपाल के सेक्युलर मोर्चे का दामन थाम लिया है। इन्हें सपा में मुलायम और शिवपाल का करीबी माना जाता है।

डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने बताया कि मोर्चा अध्यक्ष द्वारा उन्हें सम्मान दिया गया इसीलिये उन्होंने इसे ज्वाइन किया है। उन्होंने दावा किया कि जल्द ही जिले के कई बड़े नेताओं के इसमें शामिल होने का एलान किया जाएगा। सपा से बाहर चल रहीं दीपमाला कुशवाहा भी लखनऊ में मौजूद रहीं थी।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]सपा का 2 टुकड़ों में बंट जाना पार्टी के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर देगा[/penci_blockquote]

2012 से शुरू हुआ था झगड़ा :

समाजवादी पार्टी से जुड़े वरिष्ठ कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी के सत्ता में रहने के दौरान से ही अखिलेश और शिवपाल के बीच झगड़ा शुरू हुआ था। उसी समय से पार्टी दो धड़ों में विभाजित होने लगी थी। हालाँकि समय बीतने के साथ स्थिति कुछ ठीक हुई लेकिन दिलों के बीच दूरियां खत्म नहीं हुई। अब आखिरकार समाजवादी पार्टी से अलग होकर शिवपाल यादव ने अपना सेक्युलर मोर्चा बना लिया है तो इससे सपा को नु़कसान निश्चित तौर पर होना तय है। इसके अलावा कार्यकर्ता भी अब तक असमंजस में हैं कि वे किस तरफ जाएँ।

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