देश की आजादी को वर्षों बीत गए लेकिन गाहे-बगाहे जिन्ना का जिन जाग जाता है। पहले इस पर उस वक्त बवाल हुआ था जब भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने पाकिस्तान जाकर जिन्ना की मजार पर फूल चढ़ाए थे। अब अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दशकों से लगी जिन्ना की तस्वीर पर बवाल मचा है। आलम ये है कि इस बवाल पर काबू पाने के लिए पुलिस बुलानी पड़ी और इंटरनेट सेवा बंद कर देनी पड़ी लेकिन जिन्ना के ऊपर शुरू हुआ बवाल अब तक ठंडा नहीं पड़ा है। अब इस मुद्दे पर प्रदेश से लेकर देश की राजनीति गरमा गयी है। इस बवाल में अब समाजवादी पार्टी के एक विधायक कूद पड़े हैं और उन्होंने ऐसा बयान दिया है जिसके बाद हंगामा होना तय माना जा रहा है।
जिन्ना के मुद्दे पर बोले सपा विधायक :
अलोगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में इन दिनों मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगाये जाने को लेकर राजनीति गर्म है। एक ओर जहाँ यूनिवर्सिटी के छात्र जिद पर अड़े हैं कि तस्वीर नहीं हटाई जायेगी तो वहीँ हिंदू युवा वाहिनी सहित कई अन्य संगठन इस तस्वीर को हटाये जाने की मांग कर रहे हैं। अब इस विवाद में इस यूनिवर्सिटी के पूर्व अध्यक्ष और समाजवादी पार्टी के विधायक नफीस अहमद कूद पड़े हैं। जिन्ना की तस्वीर को लेकर उपजे विवाद पर उन्होंने कहा है कि संघ और आंदोलन का विरोध करने वाले लोग सही मायनों में दोगले हैं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि संघी लोग हमें देशभक्ति ना सिखाएं तो बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि RSS वाले न मुसलमानों के दोस्त हैं और न ही हिन्दुओं के हैं। ये लोग तो हमारे देश के भी नहीं हैं।
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संघियों ने देश को ठगा :
मीडिया से बातचीत में सपा विधायक नफीस अहमद ने जिन्ना विवाद पर खुलकर बात की। उन्होंने कहा कि जिन्ना की तस्वीर यूनिवर्सिटी में साल 1938 से लगी है जब उसे मांड उपाधि दी गयी थी। 1947 में देश के बँटवारे के बाद जो मुसलमान यहाँ रुका वो सिर्फ मौलाना आजाद के कारण रुका। अगर उसे जिन्ना से मोहब्बत होती तो वो देश छोड़ कर चला जाता। उन्होंने कहा कि संघी लोगों ने देश को ठगने का काम किया है। इतिहास में जो लिखा जा चुका है, उसे कोई नहीं बदल सकता है। उन्होंने कहा कि इतनी नफरत है तो पहले जिन्ना हाउस को खत्म करें। इसके बाद राष्ट्रपति भवन, ताजमहल, लालकिला सभी भवनों को नेस्तोनाबूद कर दें।