डीजीसीईआई पावर कारपोरेशन, सरकारी चीनी मिलों, डॉ.लोहिया संयुक्त चिकित्सालय समेत दो दर्जन विभागों के निदेशक, एमडी और कुछ कर्मचारियों को समन करने की तैयारी कर रहा है. डीजीसीईआई ने इन्हें सपा एमएलसी संतोष यादव उर्फ़ सनी को लाभ पहुंचाने का दोषी पाया है. इनके यहाँ से जब्त दस्तावेजों को वित्त मंत्रालय भेजने की तैयारी भी हो रही है.
सनी के घर आयकर विभाग का पड़ा था छापा:
- जब्त किये गए दस्तावेजों से सपा के एमएलसी संतोष यादव उर्फ सनी की कंपनी को मानव संसाधन की आपूर्ति का ठेका देने की बात सामने आयी है.
- सनी समाजवादी पार्टी के एमएलसी हैं और अपना ग्रुप पॉवर सप्लाई कंपनी के मालिक हैं.
- सपा MLC ने अपने कर्मचारियों को दो महीने की सैलरी पुराने नोटों के रूप में दी थी.
- जिसके बाद आयकर विभाग ने सनी के घर छापा भी मारा था.
- दस्तावेजों के आधार पर पाया गया कि नियमों को ताक पर रखकर इनको ठेका दिया गया था.
- डीजीसीईआई के निदेशालय के डिप्टी डायरेक्टर और इंटेलीजेंस अधिकारियों की टीम ने कई ठिकानों पर छापा मारा था.
- सर्विस टैक्स चोरी का मामला सामने आने पर सनी की कंपनी के एमडी ने 90 लाख रुपये तत्काल जमा करा दिए थे.
- जांच अधिकारियों ने पाया कि कंप्यूटर से ढेरों डाटा गायब किया गया है.
- जिसको जाँच एजेंसी रिकवर कराएगी।
विभाग के अधिकारियों की मिली-भगत की बात भी आ रही है सामने:
- सूत्रों के अनुसार, पता चला है कि स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एक बड़े चिकित्साधिकारी ने इस कंपनी को मानव संसाधन की आपूर्ति का ठेका देने के बदले ‘साझीदारी’ भी कर रखी है.
- चीनी मिलों के शीर्ष अधिकारी भी कठघरे में हैं.
- इन अधिकारियों पर नियमों को ताक पर रखकर ठेका देने का आरोप है.
- जाँच एजेंसी के अनुसार, ये एक बड़ा मामला है और जरुरत पड़ने पर उचित कार्यवाई भी की जाएगी.
संतोष यादव ने दी सफाई:
- संतोष यादव उर्फ सन्नी ने कहा है कि एक सामान्य प्रक्रिया के अन्तर्गत, अधिकारियों ने सर्च आपरेशन किया.
- सनी ने कहा है कि बकाया टैक्स जमा कर दिया गया है.
- इसके बाद भी अगर कुछ पाया गया तो उसे जमा कर दिया जायेगा.
- उन्होंने कहा कि जाँच में कोई भी काला धन नहीं मिला है.
- संतोष यादव ने पुरे मामले को राजनीतिक रूप दिए जाने और उनका नाम उछाले जाने की बात कही.
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