लखनऊ छावनी स्थित सेना चिकित्सा कोर केन्द्र एवं काॅलेज लखनऊ में ‘स्पोर्ट इंजरी मैनेजमेन्ट कैप्सूल’ का उद्घाटन सोमवार को आफीसर्स ट्रेनिंग काॅलेज के सेनानायक एवं मुख्य अनुदेशक तथा सेना चिकित्सा कोर केन्द्र एवं काॅलेज के कार्यकारी सेनानायक मेजर जनरल एसडी बेहरा ने उद्घाटन किया। इस तरह का कोर्स भारतीय सेना में पहली बार आयोजित किया गया है। इस अवसर पर सेना चिकित्सा कोर केन्द्र एवं काॅलेज के सैन्यधिकारियों सहित जूनियर कमीशन्ड अधिकारी एवं जवान उपस्थित थे।
छः सप्ताह तक चलने वाले इस कोर्स का उद्देश्य सशस्त्र सेनाओं के नर्सिंग सहायकों को वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनजर स्पोर्ट्स इंजरी प्रबंधन में कौशलता प्रदान करना है। यह कोर्स सेना चिकित्सा कोर केन्द्र एवं काॅलेज के नंबर दो तकनीकी प्रशिक्षण विंग के पैरा मेडिकल सांईसेस में आयोजित किया जा रहा है। लखनऊ के अन्य आर्मी अस्पतालों के स्पोर्ट्स इंजरी प्रबंधन विशेषज्ञ तथा सेना चिकित्सा कोर केन्द्र एवं काॅलेज में तैनात स्पोर्ट्स मेडिसिन विशेषज्ञ इस छः सप्ताह तक चलने वाले कोर्स में हिस्सा ले रहे हैं।
अगले पेज पर पढ़ें- सेनानायक भेजे गए दिल्ली…
छावनी स्थित सेना चिकित्सा कोर, केन्द्र एवं काॅलेज के सेनानायक एवं एएमसी अभिलेख प्रमुख तथा सेना चिकित्सा कोर के कर्नल कमांडेंट ले. जनरल राजवीर सिंह को सेन्टर के सैन्यधिकारियों एवं अन्य रैंकों के सैन्यकर्मियों द्वारा भावभीनी विदाई दी गई थी। ले. जनरल राजवीर सिंह का स्थानांतरण वायु सेना मुख्यालय नई दिल्ली के लिए हुआ है यहां वह वायु सेना चिकित्सा सेवाओं के महानिदेषक के रूप में कार्यकर रहे हैं।
इस अवसर पर ले. जनरल राजवीर सिंह को एएमसी स्टेडियम में ‘सम्मान गारद’ प्रस्तुत किया गया था। तदोपरांत सेना चिकित्सा कोर के ओपन एयर आॅडिटोरियम में आयोजित एक विशेष सैनिक सम्मेलन में ले. जनरल राजवीर सिंह ने सेन्टर के सैन्यधिकारियों, जूनियर कमीशन्ड अधिकारियों, अन्य रैंकों के जवानों एवं रंगरूटों को संबोधित किया। इस दौरान एक बड़ाखाना का भी आयोजन किया गया जहां ले. जनरल राजवीर सिंह ने एक साथ सभी सैन्यधिकारियों एवं सभी रैंकों के सैन्यकर्मियों के साथ दोपहर भोज किया था।
सेना चिकित्सा कोर, केन्द्र एवं काॅलेज के सेनानायक का पदभार छोड़ने से पहले ले. जनरल राजवीर सिंह ने सेना चिकित्सा कोर, केन्द्र एवं काॅलेज के ‘युद्ध स्मारक’ पर माल्यार्पण कर उन जाबांज शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की जिन्होंने अपनी मातृभूमि की रक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।