उत्तर प्रदेश के अयोध्या जिले में रामजन्मभूमि और बाबरी मस्जिद का मामला देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, गौरतलब है कि, सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दोनों पक्षों को आपसी सहमति से फैसला लेने की बात कही थी, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि, वो मध्यस्ता के लिए तैयार हैं. इसी क्रम में श्री श्री रवि शंकर भी बुधवार 15 नवम्बर को राजधानी लखनऊ पहुंचे थे, जहाँ उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी, ज्ञात हो कि, श्री श्री रवि शंकर ने अयोध्या मामले में मध्यस्ता की पेशकश की थी, जिसके बाद मामले में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के पक्षकार ने श्री श्री रवि शंकर की मध्यस्थता की कोशिशें को सिरे से नकार दिया था, इसी क्रम में राम मंदिर के पक्षकार महंत नरेन्द्र गिरी ने मीडिया से बातचीत की थी. इसी क्रम में निर्मोही अखाड़ा परिषद के संत राम विलास वेदांती ने भी श्री श्री रवि शंकर की मध्यस्ता को लेकर सवाल खड़े किये हैं.
फार्मूला नहीं लेकिन दोनों पक्षों से होगी बात:
- वहीँ अयोध्या पहुंचे श्री श्री रविशंकर का बयान आया है.
- उन्होंने कहा कि मैं कोई फॉर्मूला लेकर अयोध्या नहीं आया हूँ.
- सबसे मिलकर बातचीत होगी.
- सबकों लेंगे विश्वास में तभी माहौल बेहतर होगा.
- यहाँ तरह-तरह के हैं लोग.
- विश्वास में लेकर ही समाधान होगा.
सीएम योगी के बयान से श्री श्री को झटका:
- सीएम योगी ने कहा कि उनके साथ एक पूर्व परिचित की तरह मुलाकात हुई.
- राम मंदिर के मुद्दे पर कोई खास बातचीत नहीं हुई.
- बातचीत की कोशिश एक अच्छी चीज हो सकती है.
- लेकिन बातचीत से समाधान होता तो बहुत पहले ही हो जाता है, अब शायद बहुत देर हो चुकी है.
- इस बयान को अब श्री श्री रविशंकर की सुलह की कोशिशों को झटके के रूप में देखा जा रहा है.
- वहीँ श्री श्री रविशंकर की कोशिशों से मुस्लिम पक्षकार और अयोध्या के कई महंत भी नाराज हैं.