उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की पुलिस अक्सर अपनी कार्यशैली से चर्चा में रहती है। पूर्व एसएसपी दीपक कुमार के कार्यकाल में पॉलिटेक्निक की छात्रा संस्कृति राय हत्याकांड में पुलिस ने खूब फजीहत हुई। पुलिस ने जैसे तैसे इसका खुलासा कर टेम्पो चालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं दीपक ने 1090 चौराहे पर हुए मासूम ऋतिक हत्याकांड का जब खुलासा नहीं कर पाया तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पुरस्कृत दिव्यांग को ही हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय बवाल में किरकिरी के बाद सीओ और चौकी इंचार्ज पर कार्रवाई हुई। वहीं आईपीएस दीपक कुमार को भी हटा दिया गया।
जितने दिन दिव्यांग ने जेल में काटे हैं उसकी कौन भरपाई करेगा?
इन घटनाओं के बाद शहर की कमान आईपीएस कलानिधि नैथानी को दी गई। जब एसएसपी नैथानी ने कमान संभाली तो आये दिनकई योजनाएं बनाकर अपने ढंग से काम शुरू करवाया। पिछले दिनों राजभवन के सामने हुई दूसाहसिक लूट और हत्या की घटना को एसएसपी के नेतृत्व में पुलिस ने 5 दिन के भीतर खुलासा कर आरोपी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। अब एसएसपी कलानिधि नैथानी मासूम ऋतिक की हत्या की तफ्तीश फिर से कराने की तैयारी में हैं। एसएसपी ने बताया कि इस हत्याकांड की फिर से जांच कराई जाएगी। अगर जांच में आरोपी बनाए गए पुरुस्कार विजेता दिव्यांग निर्दोष हुआ तो उसकी रिहाई कराई जायेगी। लेकिन अगर दिव्यांग निर्दोष सिद्ध हुआ तो जितने दिन उसने जेल में काटे हैं। उसकी भरपाई कौन करेगा? जो उसके ऊपर हत्यारे का दाग लगा है उसे कौन मिटाएगा? ऐसे तमाम सवाल उसके घरवालों और लोगों की जुबान पर कौंध रहे हैं।
इन बिंदुओं पर होगी जाँच
➡फुटेज में दिखा संदिग्ध कौन था और वह कहा से आया था?
➡संदिग्ध ऑटो कहा है, जिसमें वह बैठकर निकल गया था?
➡पुलिस ने अचानक दिव्याग को पकड़कर पड़ताल क्यों बंद कर दिया?
➡दिव्याग ने बाराबंकी में होने का दावा किया था। उसके लोकेशन की पड़ताल क्यों नहीं की गई?
➡सीसीटीवी फुटेज में संदिग्ध हत्यारा पैदल जाता दिख रहा है, जबकि आरोपित पैरों से दिव्यांग है।
ऋतिक की गला घोंटकर हत्या के आरोप में कलाम को किया गया था गिरफ्तार
बता दें कि पिछली 4 जुलाई दिन मंगलवार को राजधानी के 1090 चौराहे पर हजरतगंज के बालू अड्डा निवासी गुब्बारा बेचने वाले 10 साल के मासूम ऋतिक की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी और लाश चौराहे के पास बने पार्क में लावारिस मिली थी। लखनऊ पुलिस इस घटना के बाद से दबाव में आ गई। घटना की संवेदनशीलता के चलते बुधवार सुबह डीजीपी ओपी सिंह खुद पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे थे। लखनऊ पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए मोहम्मद कलाम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोप है कि कलाम ने हत्या से दो दिन पहले मृतक को न सिर्फ धमकाया था बल्कि उसकी बहन से छेड़खानी तक की थी। लखनऊ पुलिस के इस खुलासे पर सवाल उठने लगे हैं।
नदी में कूदकर बहादुर कलाम ने बचाई थी महिला की जान
फरवरी 2018 में गोमती नदी में आत्महत्या करने के लिए नदी में कूद गई थी। गोमती नदी में कूदी युवती को सैकड़ों लोग डूबते देख रहे थे, लेकिन मोहम्मद कलाम ने अपनी जान की परवाह न करते हुए बिना सोचे समझे नदी में छलांग लगा दी और उस महिला की जान बचाई थी। कलाम की बहन ने फेसबुक पर लिखा है कि उसका भाई उसके लिए पैसे इकठ्ठा करके सबसे बड़ा टेड्डी बियर लाया था और गिफ्ट किया था। उसका भाई हत्यारा नहीं हो सकता। जिस दिव्यांग मोहम्मद कलाम को गिरफ्तार कर लखनऊ पुलिस हत्याकांड के खुलासे की आड़ में वाहवाही लूटने के फिराक में थी, वह दिव्यांग एक बहादुर इंसान है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कर चुके सम्मानित
हत्या के आरोप में गिरफ्तार मोहम्मद कलाम की बहादुरी पर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उसे रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार से नवाजा और उसकी जांबाजी का सम्मान किया था। इतना ही नहीं मोहम्मद कलाम के अच्छा इंसान बनने के लिए पढ़ने की ललक देखकर महिला कल्याण विभाग ने पढ़ाने का जिम्मा तक उठा लिया। गरीबी में जी कर भी बहादुर मोहम्मद कलाम ने दिन में पढ़ाई और रात में गुब्बारे बेचकर पेट पालने का रास्ता चुना था। लखनऊ पुलिस का दावा है कि गुब्बारे बेचने के विवाद में ही मोहम्मद कलाम ने ऋतिक की गला घोंटकर हत्या कर दी थी। वाहवाही लूटने के चक्कर में लखनऊ पुलिस की करतूत ने प्रदेश सरकार और खुद सीएम योगी को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
सीसीटीवी में दिख रहा था दूसरा व्यक्ति
वारदात की शुरुआत में लखनऊ पुलिस ने जो सीसीटीवी फुटेज जारी किया उसमें पैंट शर्ट पहने कंधे पर पिट्ठू बैग लटकाए व्यक्ति पर ही हत्या की आशंका जताई गई थी। लेकिन पुलिस ने जब खुलासा किया तो जिस मोहम्मद कलाम को आरोपी बताया वह दिन में पढ़ाई समाज कल्याण विभाग की मदद से करता है, पढ़ाई के बाद लगी भूख को मिटाने के लिए वो रात में 1090 चौराहे पर गुब्बारे बेचता है। लखनऊ पुलिस ने जब खुलासा किया तो उस मोहम्मद कलाम को हत्यारोपी बता दिया, जिसके पास पहनने के 2 जोड़ी सही कपड़े नहीं थे। वह बैग लेकर कहां जाएगा और वह बैग कहां से लाएगा। बता दें कि कुर्सी बचाने के लिए लखनऊ के पूर्व एसएसपी और पुलिस के अफसरों ने सीएम योगी से सम्मानित दिव्यांग को हत्यारोपी बता दिया था।