अभी तक नो पार्किंग में खड़ी गाड़ियों से पहले लिफ्टिंग कंपनी द्वारा 1100 रुपए वसूल किए जाते थे। ये धनराशि आम जनता को अत्यधिक पड़ती थी। जैसे ही बात एसएसपी के संज्ञान में आई उन्होंने टेंडर की फाइल मंगवा कर उसके शर्तों को ध्यान में रखते हुए एसपी ट्रैफिक के माध्यम से टेंडर कंपनी को जनहित में मात्र 500 रुपये में लिफ्टिंग कराने के लिए शर्त के साथ पत्राचार किया कि अन्यथा की स्थिति में जनहित को ध्यान में रखते हुए टेंडर कैंसिल कर दिया जाएगा।
क्यों कि इससे जनता को अप्रत्याशित रूप से अत्यधिक जुर्माना भरना होता है। इसी क्रम में टेंडर कंपनी द्वारा आज से मात्र 500 रुपये में लिफ्टिंग की जाएगी जिसमें जीएसटी भी सम्मिलित होगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का यह भी कहना है कि जैसे जैसे लोगों की आदतों में सुधार आता जाएगा वैसे वैसे यह है लिफ्टिंग का अनुपात भी कम होता जाएगा। जनता से अपील की कि डबल लेन पार्किंग कदापि ना करें व निर्धारित पार्किंग का ही इस्तेमाल करें। एसएसपी की इस पहल से राजधानी के नागरिक काफी खुश हैं।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]पासपोर्ट वेरिफिकेशन के लिए पुलिस नहीं आएगी घर- एसएसपी[/penci_blockquote]
पासपोर्ट सत्यापन के लिए अब आवेदकों को कोई परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। न तो पुलिस उन्हें थाने या चौकी पर बुलाएगी और न ही कोई पुलिस कर्मी आवेदक के घर पहुंचेगा। अब पुलिस कर्मियों को थाने के अभिलेखों के आधार पर ही जांच रिपोर्ट तैयार करके प्रेषित करनी होगी। एसएसपी ने यह व्यवस्था लागू करते हुए सभी थानेदारें को इस बाबत निर्देश जारी कर दिए। एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि राजधानी में रोजाना सैकड़ों लोग पासपोर्ट के लिए आवेदन करते हैं। वहीं पुराने पासपोर्ट के नवीनीकरण के लिए भी पुलिस व एलआईयू की सत्यापन रिपोर्ट लगती है। इसके नाम पर धन उगाही किये जाने की शिकायतें मिल रही थीं। इसके अलावा आवेदकों को दिक्कत का सामना करना पड़ता था। मसलन पुलिस द्वारा आवेदकों को फोन करके जांच के नाम पर थाने/चौकी के चक्कर लगवाये जाते थे। या फिर सम्बंधित इलाके के दरोगा व सिपाही आवेदक के घर पहुंच जाते थे। एसएसपी ने बताया कि पासपोर्ट सत्यापन की प्रक्रिया में पुलिस को न तो आवेदक की फोटो प्रमाणित करनी होती है और न ही उसके हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]ये है पासपोर्ट वेरिफिकेशन के नियम[/penci_blockquote]
सामान्य पासपोर्ट में सत्यापन रिपोर्ट 21 दिन की समय सीमा में देने पर पुलिस विभाग को प्रति आवेदन 150 रुपये दिए जाते हैं जबकि निर्धारित समय के बाद 50 रुपये मिलते हैं। यदि पुलिसकर्मी को आवेदक की आपराधिक पृष्ठभूमि जांचने घर जाना जरूरी है या अन्य जांच करनी है तो वे कर सकते हैं। लेकिन घर जाकर आवेदक के निवास का सत्यापन करना या आवेदक के फॉर्म पर दस्तखत कराने की प्रक्रिया समाप्त कर दी गई है। आवेदक को अपने पुराने पतों की जानकारी देने की बजाय केवल मौजूदा पते की जानकारी देनी है।
[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”हिंदी की खबरें” background=”” border=”” thumbright=”yes” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”post_tag” orderby=”random”]