उत्तर प्रदेश में अनेकों ऐसे वृधाश्रम मौजूद हैं जहाँ अपने बच्चों के द्वारा ही अपने घरों से दूर किये गए बुज़ुर्ग अपनी ज़िन्दगी के बचे हुए पल गुज़ारने को मजबूर हैं.
- ऐसे वृद्धाश्रमों में रहने वाले बुजुर्गों को इस वक़्त अगर किसी चीज़ की ज़रूरत है तो वो है प्यार, स्नेह और सहारा.
- ऐसे में अगर इन बुजुर्गों को थोडा प्यार और स्नेह मिलता है तो न चाहते हुए भी इनकी आँखें छलक उठती हैं.
- आप को बता दें की कुछ ऐसा ही नज़ारा आज राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम् बी-ब्लाक स्थित सेवार्थ वृद्धाश्रम में भी उस वक़्त देखने को मिला जब राजाजीपुरम् के सेंट जोजफ कालेज के कक्षा एक व दो के नन्हें-मुन्ने इन बुजुर्गों से मिलने पहुंचे.
नन्हे-मुन्ने बच्चों से मिलकर भावुक हुये वृद्धाश्रम के बुजुर्ग-
- यूपी की राजधानी लखनऊ के राजाजीपुरम स्थित सेवार्थ वृद्धाश्रम में बहुत से बुज़ुर्ग अपनी ज़िन्दगी गुज़ार रहे हैं.
- ऐसे में राजाजीपुरम स्थित सेंट जोजफ कालेज के कक्षा एक व दो के नन्हें-मुन्ने बच्चों इन बुजुर्गों से मिलने पहुंचे.
- सेवार्थ वृद्धाश्रम में भ्रमण के दौरान इस मासूम बच्चों ने निराश्रित का जीवन जी रहे अपने बुजुर्गों का हाल-चाल पूछा.
- इस दौरान इन बच्चों ने अपने साथ लायें फल, मिठाइयाॅ और नमकीन के पैकेटों को अपने हाथ से अपने दादा-दादी नाना-नानी जैसे बुजुर्गों को खिलाकर फक्र महसूस किया.
- जिसके बदले बच्चो से मिलकर भावुक हुये वृद्धाश्रम के बुजुर्गों ने नन्हें मुन्नों को ढ़ेरों दुआएं दी.
बुजुर्गोे के प्रति सम्मान उत्पन्न करने की गई कोशिश-
- सेंट जोजफ समूह की संस्थापक प्रबन्धक श्रीमती पुष्पलता अग्रवाल की मानें तो समाज की भौतिकतावादी संस्कृति के चलते बच्चों में अपने ही परिवार के सदस्यों खासतौर पर बुजुर्गों के प्रति उपेक्षा का भाव आ रहा है.
- ऐसे में सम्बन्धों की दूरियां भी बढ़ रही हैं.
- जिससे बच्चों में समाज में उपेक्षित पड़े अपने बुजुर्गोे के प्रति सम्मान उत्पन्न करने की कोशिश की गई.
- उन्होंने बताया कि जिसके तहत बच्चें अपने खाने-पीने की वस्तुओं को शेयर कर के खुशी का अनुभव करते है.
- इसी कड़ी में ये बच्चें शहर के विभिन्न वृद्धाश्रम व अनाथालयों में गए.
- जहाँ उन्होंने अपने पास से खाने-पीने का सामान वितरित किया.
- उन्होंने बताया कि विद्यालय ने भी इसमें अपने स्तर से सहयोग किया है.