स्टेडियम निर्माण घोटाले का मामले में अब तक विधिक कार्यवाही नहीं हो सकी है और न ही घोटाले की रकम की रिकवरी. शासन में घोटाले की फ़ाइल धूल फांक रही है. मुख्यमंत्री से शिकायत और साक्ष्य के बावजूद भी दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नही हुयी है. निदेशक खेल ने शासन स्तर से गठित गुणवत्ता समिति के रिपोर्ट के आधार पर प्रमुख सचिव खेल को दोषी अधिकारियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही का पत्र लिखा था. बता दें कि पौने दो करोड़ के घोटाले की फ़ाइल लंबित पड़ी है. 2 करोड़ के अनुमानित लागत के सापेक्ष में 3.96 करोड़ खर्च हो चुके है. फिर भी स्टेडियम अधूरा पड़ा है. बता दें कि 2010 से निर्माण शुरू हुआ था जिसे वर्ष 2013 में पूरा करना था . अब तक अधूरा पड़ा स्टेडियम के कमरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है. जनपद के जसोवर पहाड़ी पर स्टेडियम बना है. आरटीआई कार्यकर्ता इरसाद अली ने मामले का खुलासा किया है.