बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा भारत में 500-1000 के नोटों पर रोक लगा दी गए है। पीएम मोदी के इस फैसले के बाद से ही देश में अफरा-तफरी मच गयी है। सभी लोग अपने नोटों को बदलवाने के लिए बैंको के सामने सुबह से ही खड़े हो गए है। देश भर में और इलाहाबाद उच्च न्यायलय में भी पीएम के इस कदम का काफी बुरा असर देखने को मिला।
स्टैम्प वेंडरो ने नहीं लिए नोट :
- पीएम नरेन्द्र मोदी द्वारा अचानक एक हजार व पांच सौ के नोटों की बंद करने के फैसले का हाईकोर्ट में भी असर दिखा।
- वादकारियों के मुकदमों के वाद को दाखिल करने के लिए लोग लगने वाले टिकट कोई खरीद ही नहीं पाया।
- सभी स्टैम्प वेण्डरों ने एक हजार व पांच सौ के नोट लेने से सीधा इंकार कर दिया है।
- कई अधिवक्ता अपने मुकदमों को दाखिल कराने के लिए न्यायलय में भटकते रहे।
यह भी पढ़े : नोट बदलने के लिए ऐसे भरें फार्म, डाऊनलोड करने के लिए यहां क्लिक करें!
- मगर स्टैम्प वेंडरो द्वारा टिकट न मिल पाने से उनके मुकदमे दाखिल नहीं हो सके।
- केन्द्र सरकार द्वारा अचानक लिये गये इस फैसले से वादकारियों व अधिवक्ताओं में खासी नाराजगी देखने को मिली।
- प्रतिदिन फाइलों की बाइण्डिग करने वाले, हलफनामा करने वाले नोटरी, आयुक्तों ने भी इन नोटों को नहीं लिया।
- इन सब परेशानियों के कारण ही हाईकोर्ट में मुकदमों के दाखिले में काफी कमी आयी है।
यह भी पढ़े : नोटों की बदली में सक्रिय हुए ‘दलाल’, फ्री वाला फॉर्म भी हो रहा ब्लैक!