किसानों पर आया चुनाव की सुबह संकट, गोवर्धन रजवाह की पटरी टूटने से जलमग्न हुई खड़ी फसलें
मथुरा –
प्रथम चरण के विधानसभा चुनाव की सुबह वोटिंग से पहले किसानों के लिए आफत ले आयी, गोवर्धन रजवाह की पटरी टूटने से किसानों के कई बीघा खेत जलमग्न हो गए। गेंहू और सरसों की खड़ी फसल चौपट हो गई। किसान वोट डालने की तैयारी में थे परन्तु फसलों को चौपट होते देख अपने खेतों की तरफ दौड़े और समाज से पानी रोकने की दुहाई लगाई। सभी किसान एकत्रित होकर मुखराई में अड़ींग कैनाल पर गोवर्धन रजवाह में प्रवाहित पानी को रोकने के प्रयास में जुट गए। मीडिया द्वारा सिंचाई विभाग के एसडीओ को घटना की जानकारी दी तो सम्बंधित अधिकारी ने मजदूर भेजकर कार्य चालू करवाया। मगर तब तक बहुत देर हो गई, गेँहू और सरसों की सैकड़ों बीघा जमीन के साथ साथ निकट रामा कॉलोनी भी जलमग्न हो गई।
किसानों ने एकजुट होकर किसान हितैषी योगी सरकार पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए रजवाह की पटरी को पक्का करने की बात की। किसान भोला कुमार शर्मा ने बताया कि पिछले काफी वर्षों से हम लोगों ने सरकार से गोवर्धन रजवाह को पक्का करने की मांग उठाई थी और पूर्व में भी ये रजवाह की पटरी टूट चुकी है। मगर न तो किसान हितैषी सरकार और ना ही शासन प्रशासन ने कोई संज्ञान लिया, जिसके चलते ये हादसा हो गया। किसान बस्सो चौधरी ने रजवाह की पटरी को पक्का करने की मांग करते हुए कहा कि रजवाह में पानी क्षमता से ज्यादा चल रहा था और इसकी सफाई भी नहीं हुई थी। उन्होंने कहा जब तक पानी को रोका नहीं जाएगा तब तक हम किसान वोट डालने नहीं जाएंगे। सभी किसानों ने मुआवजे और रजवाह की पटरी को पक्का करने की शासन प्रशासन से मांग की। मौके पर ओम प्रकाश गोकुलिया, चौ नारायण सिंह, जगदीश गोकुलिया, तोता सैनी, नरसिंह सैनी, राम प्रसाद सैनी, कुन्दन सैनी सहित कई किसानों की खड़ी फसल चौपट हो गई, सभी किसानों से शासन प्रशासन से शीघ्र ही चौपट फसल के मुआवजे की मांग की। कुछ किसान ऐसे भी हैं जिन्होंने सालाना गल्ले व हिस्सेदारी में खेत ले रखे हैं, उन्होंने अपना सर पीट लिया।
सूचना पर मौके पर पहुंच सिंचाई विभाग एसडीओ नवीन शर्मा ने स्थानीय किसानों व मजदूरों की मदद से रजवाह में प्रवाहित पानी को रुकवाया। स्थानीय किसानों की मदद से जेसीबी बुलाई गई जिससे पानी का प्रवाह रोका जा सके। पानी तो रुक गया मगर किसानों की फसल चौपट हो गई। पिछली सरकार ने गोवर्धन के चारों तरफ रिंग रोड के निर्माण कार्य को आरम्भ कराया था तथा रजवाह के दोनों तरफ सड़क निर्माण को स्वीकृति प्रदान की थी। मगर रिंग रोड के लगभग सम्पूर्ण निर्माण के बाद भी गोवर्धन रजवाह की एक तरफ की पटरी को छोड़ दिया गया जबकि रजवाह की दूसरी पटरी पर पक्का मार्ग बन जाता तो किसानों की समस्या के साथ साथ कस्बे में आवागमन के कई रास्ते खुल सकते थे। आये दिन श्रीधाम गोवर्धन में लगने वाले जाम में भी बहुत हद्द तक सहूलियत मिलती। किसानों के नुकसान की भरपाई तो शायद शासन प्रशासन कर दे मगर भविष्य में ऐसी घटना घटित न हो उसके लिए सरकार क्या रजवाह की दूसरी तरफ भी पक्का मार्ग बनाएगी या अन्नदाता ऐसे ही परेशान रहेगा यह तो समय ही बताएगा।
Report – Jay