CM ऑफिस के आदेशों का ऊर्जा विभाग पर असर नहीं है और CM दफ्तर के आदेश के बावजूद जांच में खेल जारी है. अरबों के भ्रष्टाचार के आरोपी पूर्व निदेशक वर्तमान में विद्युत सुरक्षा निदेशालय का JD ,GK सिंह ने अपने आलाधिकारियों और मंत्रियों को किया मैनेज, औरजांच करने वाले नए डायरेक्टर रामस्वारथ भी भ्रष्टाचार के कीचड़ में धंस गए. नयी डायरेक्टर आईएएस सौम्या अग्रवाल भी कुछ करती दिखाई नहीं दे रही हैं.
राज्य कर्मचारी संघ का एलान नहीं हुई कार्यवाई तो होगा आंदोलन:
- गए थे कुप्रबंधन दूर करने खुद ही शामिल हो गए.
- विद्युत सुरक्षा निदेशालय में रामस्वारथ के कार्यकाल में भी हुए अनियमितताओं की जाँच की मांग की है.
- राज्य कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ से मांग की है कि विद्युत सुरक्षा निदेशालय में तैनात संयुक्त निदेशक गिरीश कुमार सिंह के कार्यवाहक निदेशक रहते हुए प्रदेश के बड़े उपभोक्ताओं को फर्जी एनओसी एवं तबादलो में व्यापक भ्रष्टाचार की साक्ष्य सहित शिकायत मुख्यमंत्री स्तर पर भेजी गई.
- मुख्यमंत्री कार्यालय से शिकायत संदर्भ संख्या 12157170257130 डेटेड 11/8/17 सचिव मुख्यमंत्री मृत्युजंय कुमार नारायण द्वारा जाॅच के आदेश दिए थे.
- मुख्यमंत्री संदर्भ संख्या 121571704338186 दिनांक 25/10/17 सचिव मुख्यमंत्री मृत्युजंय कुमार नारायण द्वारा पुनः जाॅच के आदेश दिए गए थे.
- लेकिन जाँच तक विभागीय स्तर पर लम्बित होना इस बाॅत का संकेत दे रहा है कि तत्कालीन कार्यवाहक निदेशक गिरीश कुमार सिंह अपनी जाॅच दबावने मे अभी तक सफल है.
- गिरीश कुमार सिंह की जगह कार्यवाहक निदेशक के पद पर भेजे गए राम स्वारथ ने भी वही कार्य शुरू कर दिए.
- तीन महीने के अल्प कार्यकाल मेे बिना अधिकार उनके द्वारा जारी दर्जनों एनओसी तथा ठेकेदारों को जारी लाइसेंस और सैकड़ों वायरमैन परमिटों, सुपरवाईजर प्रमाण पत्रों पर उनके द्वारा अनाधिकृत हस्ताक्षर कर जारी किए जो इनको अधिकार प्राप्त नही है.
- उनके द्वारा जारी लाइसेंस, परमिट एनओसी भी अवैध बताये गए हैं और इसलिए महासंध ने उनके कार्यकाल में हुए मामलों की जाॅच कर उन पर भी अनुशासनात्क कार्रवाई की मांग महासंध की है.
भ्रष्टाचार पर नहीं लगाम तो होगा बड़ा आन्दोलन
- राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष सतीश कुमार पाण्डेय, उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव और महामंत्री रामराज दुबे ने आज जारी बयान में कहा कि विद्युत सुरक्षा निदेशालय में कार्यवाहक निदेशक गिरीश कुमार सिंह द्वारा की गई वित्तीय अनिमिताएं,फर्जी एनओसी और तबादलों में अनियमिताओं और भ्रष्टाचार के मामले में राज्य कर्मचारी महासंघ ने जब उगली उठाई.
- प्रमुख सचिव उर्जा को कार्यवाहक निदेशक गिरीश कुमार सिंह के भ्रष्टाचारों को साक्ष्यों सहित अवगत कराया था.
- प्रमुख सचिव उर्जा ने विद्युत सुरक्षा निदेशालय में व्याप्त कुप्रबंधन एवं भ्रष्टाचार रोकने के लिए कार्यवाहक निदेशक गिरीश कुमार सिंह को 31 अगस्त 17 को पद से हटाते हुए उनके खिलाफ विभागीय जाॅच बिठाते हुये निदेशक डिस्पैज लोड सेन्टर रामस्वारथ को कार्यवाहक निदेशक विद्युत सुरक्षा का चार्ज 31 अगस्त 17 को सौपा. भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन दूर करने की जगह रामस्वारथ स्वंय तत्कालीन कार्यवाहक निदेशक गिरीश कुमार सिंह के चंगुल में फंस गए.
- उन्ही का अनुसारण एवं सलाह के आधार पर स्वंय भी भ्रष्टाचार एवं कुप्रबंधन में शामिल हो गए.
- अपने तीन माह के कार्यकाल में रामस्वरथ प्रमुख सचिव उर्जा की कसौटी पर खरे नही उतरे.
- परिणाम स्वरूप उन्हे हटाते हुए विशेष सचिव उर्जा सौम्या अग्रवाल को कार्यवाहक निदेशक का पद सौपा गया था.
- महासंघ पदाधिकारियों ने कहा कि एक तरफ जहाॅ प्रदेश की सरकार जीरो टारलेस भ्रष्टाचार की बाॅत कर रही है.
- वहीँ तत्कालीन कार्यवाहक निदेशक गिरीश कुमार सिंह के भ्रष्टाचार मामले की जाॅच गति इतनी धीमी क्यों है.
- उन्होंने यह भी कहा कि जिस अधिकारी को प्रमुख सचिव उर्जा ने विद्युत सुरक्षा निदेशालय में सुधार के लिए भेजा था.
- उनके द्वारा भी अल्प कार्यकाल में जो भ्रष्टाचार किया गया वह इस बाॅत का संकेत है कि भ्रष्ट अधिकारियों पर सरकार का कोई अंकुश नही है.
- महासंघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से तत्कालीन कार्यवाहक निदेशक गिरीश कुमार सिंह और रामस्वारथ के अल्प कार्यकाल में की गई अनियतिताओं की शीघ्र जाॅच कराकर त्वरित अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की है.
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें