गुरूवार देर रात राज्यकर्मियों की हड़ताल स्थगित हो गई है। 3 दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन मुख्य सचिव से वार्ता के बाद कर्मचारी संगठनो ने हड़ताल स्थगित करने की घोषणा कर दी। राज्य के 16 लाख से अधिक कर्मचारियों ने राज्य सरकार द्वारा अपनी मांगों पर विचार किये जाने का आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल स्थगित करने का निर्णय लिया।
- मुख्य सचिव दीपक सिंघल ने दो घंटे तक चली वार्ता में कर्मचारियों को 15 दिन के भीतर कैशलेश इलाज का शासनादेश जारी करने का भरोसा दिया।
- इसके साथ ही मुख्य सचिव ने कर्मचारियों की अन्य मांगे भी पूरी करने का आश्वासन दिया।
- मुख्य सचिव ने इस सिलसिले में कृषि उत्पादन आयुक्त की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गयी है।
- लगातार दूसरे दिन राज्य कर्मियों की हड़ताल से गुरूवार को हालात और गंभीर हो गये।
- अस्पतालों में सुबह करीब तीन घंटे तक ठप रही चिकत्सा सेवा ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दीं।
- तीन दिनी हड़ताल के आखिरी दिन शुक्रवार को कर्मचारियों ने इमरजेंसी छोड़कर अन्य सभी चिकत्सा सेवा ठप रखने का निर्णय लिया था।
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दो दिने में 1800 करोड़ का नुकसानः
- राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने दो दिनों में करीब 1800 करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा किया।
- संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि हड़ताल के कारण वाणिज्यकर से 700 करोड़ और रजिस्ट्री से 400 करोड़ का नुकसान हुआ है।
- आरटीओं से 300 करोड़, आबकारी और राजस्व से 200 करोड़ रूपये राजस्व के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
- दो दिन चली हड़ताल के कारण करीब 300 करोड़ रूपये का भुगतान नहीं हो सका है।
- हड़ताल के तीसरे दिन राज्य कर्मचारी गोमतीनगर स्थित लोहिया अस्पताल में सभा करेंगे।
- राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद यहां सरकार के रूख की समीक्षा करेगी।
- यदि शुक्रवार शाम तक कोई फैसला नहीं होता है तो राज्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल का फैसला कर सकते हैं।
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