बिना फार्मेसिस्ट के किसी भी अस्पताल का काम नहीं चलता है। या यूं कहे की बिना दवा के मरीज का इलाज पूरा नहीं हो सकता है इसलिए हर अस्पताल में फार्मेसिस्ट का अपना महत्त्व है। फार्मेसिस्ट पदों के पुनर्गठन और नियमावली बनाने का प्रकरण अंतिम चरण में है, जल्द ही माँगो को पूरा कराने का प्रयास किया जा जा रहा है। ये जानकारी पशु चिकित्सा फार्मेसिस्ट संघ के निदेशक रोग नियंत्रण डा. एएन सिंह ने कही। निदेशक प्रशासन डा. सीएस यादव ने कहा कि फार्मेसिस्टों की स्थानीय समस्याओ का समाधान जल्द ही होगा । उन्होंने संघ की माँगो को शासन स्तर पर उठाने की बात कही।
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संवर्ग में उच्च पद ना के बराबर
- वेटेनरी फार्मासिस्टों ने अपने अधिकारों, पुनर्गठन, सेवा नियमावली व पंजीकरण आदि महत्वपूर्ण मांगो के पक्ष में हुंकार भरी है।
- राजकीय फार्मासिस्ट महासंघ के अध्यक्ष सुनील यादव ने कहा कि फार्मेसिस्ट संवर्ग एकजुट है।
- और अगर मांगे पूरी ना हुई तो आंदोलन किया जाएगा ।
- राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत, अतुल मिश्र महामन्त्री ने संघ को समर्थन देते हुए सरकार से माँगो को शीघ्र पूरा करने की मांग की।
- फार्मेसिस्टों ने कहा कि 2027 पदों में केवल 1260 पदों पर लोग कार्यरत है.
- जबकि अन्य सभी पद रिक्त हैं, संवर्ग में उच्च पद ना के बराबर हैं ।
- पुनर्गठन की पत्रावली बार बार वित्त विभाग से वापस की जा रही है।
- नियमावली भी शासन में लंबित है जिससे फार्मेसिस्टों में रोष व्याप्त हो रहा है।
- शीघ्र मांगे पूरी ना हुई तो आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
- अधिवेशन की अध्यक्षता किरन सिंह और संचालन प्रान्तीय महामन्त्री अशोक कुमार ने किया।
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