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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोई औचित्य नहीं बनता- राज्य संपत्ति विभाग

State property department decision

State property department decision

साल 2016 में भी सुप्रीम कोर्ट ने एक एनजीओ की याचिका पर सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास खाली करने का निर्देश जारी किया था लेकिन तत्कालीन अखिलेश सरकार ने पुराने कानून में संशोधन कर UP मिनिस्टर सैलरी अलॉटमेंट एंड फैसिलिटी अमेंडमेंट एक्ट 2016 विधानसभा से पास करा लिया था और सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी बंगले की सुविधा दिलवाई थी। 2 साल बाद फिर से सुप्रीम कोर्ट ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बड़ा झटका देते हुए बंगला खाली करने को कहा है। इस पर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने राज्य संपत्ति विभाग को पत्र लिखकर 2 साल का समय माँगा था जिस पर अब विभाग ने अपना फैसला दिया है।

अखिलेश-मुलायम ने माँगा समय :

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकारी आवास खाली करने के लिए राज्य संपत्ति विभाग से 2 साल का समय माँगा था। इसके बाद ही अखिलेश यादव के पिता और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी बंगला खाली करने के लिए 2 वर्ष का समय मांगा है। सूत्रों के मुताबिक, मुलायम सिंह यादव ने अपने निजी सचिव के माध्यम से एक पत्र राज्य संपत्ति अधिकारी योगेश कुमार शुक्ला को भिजवाया जिसे प्राप्त कर लिया गया है। अखिलेश-मुलायम जहाँ बंगला खाली करने के लिए समय माँग रहे हैं तो वहीँ पूर्व सीएम राजनाथ सिंह ने तो अपना सामान दूसरे घर में शिफ्ट भी कर लिया है। इसके अलावा कल्याण सिंह भी अपना बँगला खाली करने में लगे हुए हैं।

 

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कोर्ट के निर्देशों का होगा पालन :

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव ने राज्य सम्पत्ति विभाग को पत्र लिखकर घर खाली करने के लिए 2 साल का समय माँगा है। अखिलेश और मुलायम दोनों ने ये समय अपने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए माँगा है। इस राज्य संपत्ति विभाग का कहना है कि यूपी के पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी आवास खाली कराने में सुप्रीम कोर्ट के दिए आदेशों का पालन किया जा रहा है। अखिलेश-मुलायम के 2 साल का समय मांगने पर उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब इस बात का कोई औचित्य नहीं रह गया है। हालाँकि संपत्ति विभाग इस बारे में न्याय विभाग से भी राय ले रहा है।

 

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