[nextpage title=”Vanned 500 notes” ]
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के निकट रविवार सुबह तड़के करीब 3:10 बजे पुखरायां स्टेशन पर पटना से इंदौर जा रही पटना-इंदौर एक्सप्रेस (19321) की 14 बोगियां अचानक पटरी से उतर गईं। इस भीषण ट्रेन हादसे में 110 लोगों की मौत हो गई है जबकि 350 से अधिक लोग घायल हुए हैं। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक, ट्रेन के कोच GS, GS, A1, B1/2/3, BE, S1, S2, S3, S5, S6 में सबसे अधिक नुकसान हुआ है। हादसे में घायलों ने जब मंजर बताया तो सभी के होश उड़ रहे थे। लेकिन रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने घायलों के साथ मोदी द्वारा बंद किये गए पुराने नोट बांटकर भद्दा मजाक किया तो विपक्षियों ने उन पर हमला किया।
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आखिर कहां से आये नोट क्या होगी इनकी जांच
MoS Manoj Sinha distributed Rs 500 old Currency notes to Victims of Trai… https://t.co/WDUbLrBKJO
— Samachar Plus (@samachar_plus) November 20, 2016
- प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने अपने सहयोगियों की मदद से घायलों को पांच-पांच हजार रुपये बांटे।
- जो रुपये बांटे गए हैं उनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बंद किये गए 500 के नोट थे।
- विपक्षी पार्टियों ने इस खबर पर उन्हें आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह कालाधन बैंक में क्यों नहीं जमा किया गया।
- इतना पैसा रेल मंत्री द्वारा लेकर आना आयकर के दायरे में आता है। मोदी के मंत्रियों के पास सबसे ज्यादा कालाधन है।
जबरन अंगूठा लगवाकर नोट भी कम दे गए मंत्री
- हादसे में घायल लोगों का आरोप है कि रेलमंत्री जबरन अंगूठा लगाकर पुराने नोट दे गए।
- आरोप यह भी है पांच हजार में 10 नोटों के वजाय रेलमंत्री किसी को पांच किसी को सात और किसी तीन ही नोट देकर चले गए।
- लोगों का आरोप है कि रेलमंत्री ने पीड़ितों के साथ भद्दा मजाक किया है।
- यह मौत के मंजर पर मरहम नहीं और घाव कर रहा है।
- वहीं केंद्र के पास इतना पैसा होने के बाद इतनी कम आर्थिक मदद से लोग जहां निराश हैं।
- वहीं अखिलेश के 5 लाख रुपये मुआवजे के मुआवजे की लोग सराहना कर रहे हैं।
हर तरफ बिखर था खून
- ट्रेन हादसे में घायल लोगों ने मौत का मंजर बताते हुए कहा कि ट्रेन की बोगियां पिचक कर आधी हो गईं इससे बोगियों में सवार यात्री बोगियों में दब गए और खून की धारें बहने लगीं।
- हादसा इतना भयंकर था कि इतनी लंबी बोगियां पिचककर सिकुड़ गईं।
- इस हादसे में ट्रेन के तीन कोच पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए।
- हादसे की खबर मिलते ही रेलवे के आला अधिकारी, एनडीआरएफ, आरपीएफ और स्थानीय पुलिस के जवानों ने डिब्बों को कटर फंसे हुए लोगों को निकाल कर आस-पास के अस्पतालों में भर्ती कराया है जहां सभी का इलाज चल रहा है।
- रेलवे के अनुसार जब बोगियां पटरी से उतरने के बारे में ड्राइवर और गार्डों को पता चला तो एमरजेंसी ब्रेक लगाया गया तभी हादसा हो गया।
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