Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

मायावती की योजना में भाजपा सरकार ने बढ़ाई लाभ की धनराशि

mayawati and cm yogi

उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में शिशु हितलाभ योजना की शुरुआत करने का दावा किया। लेकिन क्या आप को पता है कि इस योजना की शुरूआत बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में की थी। चलिए अब इस योजना के बारे में बताते हैं, इस योजना का लाभ महिला और पुरुष कामगार को मिलता है। पिछली सरकार में लाभ की राशि 12 हजार रुपये थी लेकिन वर्तमान सरकार ने ये रकम बढ़ाकर 15 हजार कर दी है।

पंजीकृत महिला श्रमिक‚ या पुरूष कर्मकार की पत्नी हो सकती है लाभार्थी

इस योजना के तहत उ०प्र० भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत पंजीकृत लाभार्थी महिला कर्मकारों को प्रसव के उपरान्त पौष्टिक आहार की व्यवस्था कराया जाना है। सभी पंजीकृत महिला श्रमिक‚ या पुरूष कर्मकार की पत्नी ही लाभार्थी होती है। इस योजना का लाभ अधिकतम दो प्रसवों तक ही देय होता है। पंजीकृत लाभार्थी श्रमिकों के नवजात शिशुओं को उनके जन्म से 2 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक पौष्टिक आहार की व्यवस्था कराया जाना इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। इस योजना के तहत पहले साल 10,000 और दूसरे साल स्वास्थ्य बच्चों के लिए 12,000 की वार्षिक दर से प्रदान किया जाएगा।

ये हैं लाभार्थी के हितलाभ

➡लाभार्थी महिला कर्मकार के संस्थागत प्रसव के उपरान्त उसकी ओर से नियमानुसार निर्धारित प्रारूप पर प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने एवं संस्थागत प्रसव सत्यापित हो जाने की दशा में सम्बन्धित महिला कर्मकार को मातृत्व हितलाभ के रूप में उसकी श्रेणी के अनुरूप निर्धारित न्यूनतम वेतन की दर से 3 माह के वेतन के समतुल्य धनराशि देय होगी।
➡यदि लाभार्थी महिला श्रमिक प्रसव के पूर्व तीन आवश्यक चिकित्सकीय जांचकरा लेती है तो संस्थागत प्रसव के पूर्व आवेदन करने पर भी हितलाभ दिया जा सकता है।
➡महिला निर्माण श्रमिक को उपरोक्त के अतिरिक्त रू0 1,000/-(रू0 एक हजार मात्र) की धनराशि चिकित्सा बोनस के रूप में देय होगी। महिला निर्माण श्रमिक के गर्भपात होने की दशा में उसे, उसके 06 सप्ताह के वेतन के समतुल्य धनराशि देय होगी परन्तु दो बच्चों के जन्म के उपरान्त गर्भपात कराये जाने पर यह हितलाभ अनुमन्य नहीं होगा।
➡यदि महिला श्रमिक का नसबन्दी आॅपरेशन होता है तो उसे उसके 02 सप्ताह के वेतन के बराबर धनराशि देय होगी। योजना के अंतर्गत पुरूष कामगारों की पत्नियों को इस योजना के अन्तर्गत लाभ की परिधि में लाते हुए उन्हें भी कुल रू0 6,000/-(रू. छः हजार मात्र) दो किश्तों में दिये जायेंगे।

ऐसे करें आवेदन

➡आवेदन पत्र के साथ चिकित्साधिकारी द्वारा प्रदत्त प्रसव प्रमाण-पत्र (प्रसव के मामले में) तथा अन्य मामलों (गर्भपात या नसबन्दी) में चिकित्साधिकारी द्वारा प्रदत्त प्रमाण-पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा।
➡लाभार्थी महिला कर्मकार या उसके परिवार के किसी सदस्य की ओर से उक्त सहायता प्रप्त करने हेतु प्रसव के 01 वर्ष के अन्दर निकटस्थ श्रम कार्यालय अथवा सम्बन्धिम तहसील कार्यालय में तहसीलदार को अथवा सम्बन्धित विकास खण्ड कार्यालय में खण्ड विकास अधिकारी को निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन पत्र दो प्रतियों में प्रस्तुत किया जाएगा, जिसकी एक प्रति पावती स्वरूप आवेदक को प्रार्थना पत्र प्राप्त करने वाले अधिकारी द्वारा प्राप्ति की तिथी अंकित करते हुए उपलब्ध कराई जाएगी। आवेदन पत्र के साथ सम्बन्धित कर्मकार को चिकित्साधिकारी द्वारा प्रदत्त निर्धारित प्रसव प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य होगा।

सपा सरकार ने बांटे थे 25 करोड़ रुपये

पिछली सपा सरकार में अप्रैल 2015 में रजिस्टर्ड मजदूरों के लिए चलाई जा रही शिशु हितलाभ योजना के तहत प्रदेश में पचीस करोड़ रुपये की धनराशि बांटी गई। इस योजना में रजिस्टर्ड मजदूरों के यहां बच्चों के जन्म से दो साल की आयु पूरी होने तक पौष्टिक आहार के लिए धनराशि दी जाती है। लड़के के जन्म पर सरकार 10 हजार रुपये और लड़की के जन्म पर 12 हजार रुपये दिए जाते थे। लेकिन वर्तमान में भाजपा सरकार में ये धनराशि बढ़ाकर महिला लाभार्थी के लिए 15 हजार और पुरुष लाभार्थी के लिए 12 रुपये कर दी है।

स्वामी दे चुके 30 करोड़ रुपये का लाभ

पिछले दिनों गोरखपुर में श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने खजांची चौराहे पर 5052 मजदूरों को अलग-अलग योजनाओं के लिए 30 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ दिया था। इसमें शादी अनुदान और शारीरिक स्वास्थ्य योजना के स्वीकृति पत्र अधिक थे। आर्थिक सहायता सीधे लाभार्थियों के बैंक अकाउंट में भेजी गई। इस अवसर पर उन्होंने कहा था कि श्रमिकों की संख्या बढ़ाने की कवायद चल रही है।

अब श्रमिक अड्डों पर जाकर उनका पंजीकरण कराया जाएगा। पंजीकरण शुल्क भी 50 से घटाकर 20 रुपये कर दिया गया है। अब पंजीकरण के एक साल बाद ही स्वास्थ्य संबंधी योजना का लाभ मिलने लगेगा। पहले पंजीकरण और लाभ पाने की अवधि तीन साल थी। उन्होंने कहा कि अगर पंजीकृत श्रमिक बीमार पड़ता है तो उसके इलाज का पूरा खर्च श्रम विभाग उठाएगा।

सर्दी, बुखार और जुकाम के लिए सालाना तीन हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। श्रमिकों के बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए एकमुश्त 55 हजार रुपये देने का प्रावधान किया गया है। कक्षा छह, सात और आठ में पढ़ने वाले श्रमिक के बच्चों के लिए प्रतिमाह 150 रुपये, नौ और दस में पढ़ने वालों को 500, इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वालों को 2000 और मेडिकल की पढ़ाई पर 5000 रुपये प्रतिमाह देने की योजना है।

Statistics of labour department

शिशु हितलाभ योजना की कब हुई थी शुरुआत,  मातृत्व हितलाभ योजना

यहां देखें- सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड की योजना और पंजीकरण का विस्तार

 

Related posts

IIT कानपुर: दीक्षांत समारोह में पहुंचे राष्ट्रपति ने छात्रों को दिए सफलता के मंत्र

Srishti Gautam
6 years ago

10 सवालों के घेरे में RBI गर्वनर, लोक लेखा समिति ने किया तलब

Dhirendra Singh
8 years ago

ईडी नए सिरे से करेगा NRHM में हुई जांचों की जांच!

Sudhir Kumar
7 years ago
Exit mobile version