उत्तर प्रदेश में चिकित्सा के सरकारी क्षेत्र में लगातार लापरवाही के चलते लोगों की जान से खिलवाड़ का मामला सामने आ रहा है.ताज़ा मामला यूपी के मेरठ का है जहाँ कुछ महिलाओं को बेहोशी का इंजेक्शन लगाकर गया डॉक्टर लौट कर ही नही आया.इस दौरान करीब पांच घण्टे तक बेहोश रहीं ये महिलाएँ.
ये है पूरा मामला
- यूपी सरकार चिकित्सा के क्षेत्र में सुविधाएं देने की कितनी ही कोशिश क्यों न करे लेकिन सरकारी महकमें के कर्मचारी अपनी हरकतों के चलते न केवल सरकार का बल्कि चिकित्सा क्षेत्र का नाम खराब करने से बाज़ नही आते.
- ताज़ा मामला मेरठ से है जहाँ डॉक्टरों की लापरवाही जानलेवा साबित होती जारही है
- मेरठ के सरधना स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नसबंदी कैंप में पांच महिलाओं को सुबह ही बेहोशी का इंजेक्शन लगा दिया गया
- लेकिन बेहोशी का इंजेक्शन लगा कर गये चिकित्सक लौटकर नहीं आए.
- जिसके बाद ये महिलाए घंटों तक फर्श पर बेहोश पड़ी रहीं.
- लगभग 5 घंटे तक बेहोश रहने के बाद जब इन महिलाओं को होश आया तो ये वापस अपने घर लौट गईं.
- लेकिन इस जानलेवा चूक पर कार्रवाई की कवायद तो दूर सीएमओ इस प्रकरण में चिकित्सकों का ही बचाव करते नजर आए.
- बता दें कि रामतलैया निवासी नजराना , शबाना व मंढियाई गांव निवासी रिजवाना , भाटवाड़ा निवासी अमृता को नसबंदी के लिए बुलाया गया था.
- बेहोशी का इंजेक्शन दिए जाने के बाद ये महिलायें बेहोशी की दशा में कुर्सी और फर्श पर पड़ी रहीं.
- होश में आने के बाद इन महिलाओं ने हंगामा कर दिया किंतु कोई चिकित्सक न आने पर सभी को परिजन वापस ले गए.
- इस मामले में सीएचसी सरधना चिकित्सा अधीक्षक डा. श्रीराम प्रेमी का कहना है की सर्जन डा. बीर सिंह को जिला अस्पताल से सरधना पहुंचना था.
- किंतु वह नहीं पहुंच सके ऐसे में महिलाओं का आपरेशन रोकना पड़ा.
पुरुष डॉक्टर करते हैं महिलाओं का ऑपरेशन
- एक अहम बात यह भी है कि यहाँ पुरुष डॉक्टर महिलाओं का ऑपरेशन करते हैं.
- बता दें कि सरधना सीएचसी में तैनात रहे सर्जन डा. बीर सिंह ही महिलाओं की नसबंदी करते हैं.
- जबकि सीएचसी में तैनात उनकी पत्नी डा. सारिका सिंह भी सर्जन हैं, किंतु वह नसबंदी की विशेषज्ञ नहीं हैं.
- ऐसे में महिलाओं का ऑपरेशन पुरुष सर्जन द्वारा किए जाने से महिलाओं की निजता भंग होती है.
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