राजधानी में बैंक अधिकारियों की (crores rupees Scandal) सांठगाठ से दंपती ने करोड़ों रुपये का लोन घोटाला कर डाला। फर्जी दस्तावेज व स्टॉक के बलबूते करोड़ों कमाने वाला दंपती शहर में मकान बदल- बदलकर रहता था। डीआईजी एसटीएफ स्पेशल टॉस्क फोर्स मनोज तिवारी के मुताबिक अब बैंक अधिकारियों की संलिप्तता की गहनता से जांच कराई जा रही है।
- आरोपित दंपती ने एक जमीन के दस्तावेज पर भी दो बैंकों से लोन ले रखा था।
- दंपती 19 टैंकर के भी मालिक हैं, जिन्हें एलपीजी ट्रांसपोर्टेशन के लिए इंडियन ऑयल कार्पोरेशन से अनुबंधित करा रखा है।
- इसकी अलग से पड़ताल की जा रही है।
बैंक ऑफ बड़ौदा ने दर्ज कराये थे दो मुकदमे
- एसटीएफ ने जानकीपुरम सेक्टर छह निवासी सूरज मिश्रा व उसकी पत्नी शालिनी मिश्रा को गिरफ्तार किया है।
- एसटीएफ के एएसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी के मुताबिक, दंपती के खिलाफ विकासनगर थाने में वर्ष 2015 में बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से धोखाधड़ी के दो मुकदमे दर्ज कराए गए थे।
- इन मामलों में दंपती के खिलाफ 12 हजार रुपये का इनाम घोषित था।
- जबकि जानकीपुरम थाने में वर्ष 2015 में धोखाधड़ी की रिपोर्ट और वर्ष 2016 में हजरतगंज कोतवाली में विजय बैंक की ओर से जालसाजी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
क्रेडिट लिमिट हासिल कर हड़पी थी रकम
- छानबीन में (crores rupees Scandal) सामने आया कि आरोपित ने वर्ष 2014 में हजरतगंज स्थित विजया बैंक से फर्जी दस्तावेज के जरिए एक करोड़ 10 लाख का बैंक लोन व 97 लाख रुपये की क्रेडिट लिमिट हासिल की थी और पूरी रकम हड़प ली थी।
- विजया बैंक के अधिकारियों ने प्रकरण की विभागीय जांच भी कराई थी।
- छानबीन में यह भी सामने आया कि दंपती ने विजया बैंक के अलावा बैंक ऑफ बड़ौदाए सिंडीकेट बैंक, कोटक फाइनेंस, टाटा फाइनेंसए टाटा कैपिटल सहित अन्य बैंक व फाइनेंसर्स से लोन लिए थेए जो एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेट) घोषित हो गए हैं।
मकान बदल-बदलकर रह रहे थे दोनों
- पुलिस से बचने के लिए दंपती लखनऊ में मकान बदल-बदलकर रह रहा था।
- एसटीएफ की प्रेसवार्ता के दौरान आरोपित सूरज मिश्रा ने विजया बैंक के एजीएम व शाखा प्रबंधक स्तर के अधिकारियों के सुझाव व सांठगाठ से करोड़ों का लोन हासिल करने का आरोप लगाया।
- सूरज का आरोप है कि उसने दो करोड़ का लोन हासिल करने के एवज में विजया बैंक के अधिकारियों को 20 लाख रुपये बतौर घूस दिए थे।
लोन पर ऑडी कार लेकर शान से घूमता था दंपती
- सूरज ने एसटीएफ अधिकारियों को बताया कि उसने वर्ष 2012 में हजरतगंज स्थित विजया बैंक से ऑडी कार खरीदने के लिए लोन लिया था।
- बैंककर्मियों की मिलीभगत से कार लोन के लिए बंधक संपत्ति के दस्तावेज आरटीओ कार्यालय में दर्ज नहीं कराए।
- इसके बाद कार अपनी पत्नी शालिनी के नाम ट्रांसफर करा ली।
- बाद में शालिनी के नाम पर ऑडी कार के दस्तावेजों की मदद से कोटक फाइनेंस से 15 लाख रुपये लोन हासिल किया था।