उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार चाहे भ्रष्टाचार खत्म करने के लाख दावे कर ले लेकिन भ्रष्टाचार पर अंकुश लगने के बजाय और बढ़ रहा है। सीएम योगी अपने भाषणों में भ्रष्टाचार मुक्त यूपी होने का दावा करते हैं लेकिन ये उनका दावा भी खोखला दिखाई दे रहा है। इतनी सख्ती होने के बावजूद जालसाज फर्जी सरकारी नौकरी वेबसाइट पर निकाल कर सैकड़ों बेरोजगारों से करोड़ों रुपये ऐंठ रहे हैं परंतु हाईटेक पुलिस भी इससे अंजान है।
जानकारी के मुताबिक, वर्तमान समय में यूपी के विभिन्न जिलों में एक ऐसा गैंग फैला हुआ है जो सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर युवा बेरोजगारों से लाखों रुपये ऐंठ रहा है। इन जालसाजों का कार्यालय चारबाग में बताया जा रहा है। बाराबंकी जिले में कई युवा इन जालसाजों के चंगुल में फंसकर लाखों रुपये गंवा चुके हैं। जालसाजों ने गोदाम निगम श्रम संघ के नाम की एक वेबसाइट www.warehousingcorporation.com बनाई है। इस वेबसाइट पर गोदाम में श्रमिकों के काम करते हुए युवाओं को लुभाने के लिए फोटो भी डाले गए हैं।
ठगी के शिकार हुए युवकों का आरोप है कि उन्हें केंद्रीय भंडारण निगम में नौकरी दिलाने के नाम पर 3 लाख रूपये लिए जा रहे हैं। इनमें से एक लाख रुपये पहले और 2 लाख रुपये वेबसाइट पर नाम आने के बाद देने पड़ते हैं। जालसाजों ने जो फर्जी वेबसाइट बनाई है उसपर एक लाख रुपये मिलने के बाद नाम डाल देते हैं। uttarpradesh.org के संवाददाता को जब इन जालसाजों की सूचना मिली तो हमारे संवाददाता ने इसका स्टिंग ऑपरेशन किया। स्टिंग में जालसाज संवाददाता से पैसे देने के लिए काफी दबाव बनाता दिखा और कई बार कॉल किया।
जालसाज ने बताया कि उसके यूपी के हर जिला में एक प्रतिनिधि है। ये सभी लोग ग्रामीण इलाकों में जाकर नौकरी का झांसा देकर ठगी करते हैं। जालसाजों ने ये भी बताया कि ये पैसा मंत्रियों तक जाता है लेकिन जालसाज ने मंत्रियों का नाम उजागर नहीं किया। जालसाजों की ये शिकायत साइबर क्राइम सेल से भी की गई तो पुलिस ने कहा कि जल्द ही जालसाजों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेजा जायेगा। जालसाजों के फरार होने की आशंका के चलते हमारे द्वारा सारे साक्ष्य साइबर क्राइम सेल को कल ही भेजे जा चुके हैं।
गौरतलब है कि राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष संजीव पांडेय ने भी स्वास्थ्य विभाग में भर्ती के लिए घपले का आरोप लगाते हुए पिछले दिनों मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर शिकायत की थी। उनका आरोप है कि लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए 80 हजार रुपये से लेकर डेढ़ लाख रुपये तक की रिश्वत लेकर फौरन नौकरी बैक डेट में दी जा रही है। ये नौकरी AVNI संस्था की तरफ से दी जा रही है जिसका पंजीकरण तक ख़त्म हो चुका है। कंपनी पुराने कर्मचारियों को निकालकर पैसे लेकर नए कर्मचारी भर्ती करती है। जब इन कर्मचारियों का दो-तीन माह का वेतन बकाया हो जाता है तो मांगने पर उन्हें निकाल दिया जाता है। साथ ही आरोप ये भी है कि एक साल का वेतन घूस के रूप में भी लिया जाता है।