Farrukhabad | संकिसा विवादित स्तूप (Sankisa Stupa) पर चढ़कर बौद्ध धर्मियों नें मन्दिर को क्षतिग्रस्त कर उसके ऊपर पंचशील ध्वज लगा दिया| जिसके बाद संकिसा के शांति वातावरण में अराजकता का जहर घुल गया| संकिसा की फिजा पर आक्रोश फैल गया| जिसके बाद डीएम-एसपी मौके पर पंहुचे और आक्रोशित सनातन धर्मियों को शांत कर लिखित आश्वासन दिया| जिसके बाद जाम खोला का सका|
मामले का Video Social Media पर भी Viral हुआ जिसमे बौद्ध अनुयायी मंदिर के ऊपर पुलिस की मौजूदगी में चढ़ कर झंडा उखाड़ कर फेक रहे है लेकिन पुलिस बबाल कर रहे लोगो के आगे नतमस्तक दिखाई दे रही है
#फर्रुखाबाद : बौद्ध स्तूप के ऊपर बने मंदिर पर बौद्ध धर्मियो ने किया कब्जा । मंदिर पर चढ़ कर झंडा उखाड़ फेके । बौद्ध धर्म अनुयायिओं और सनातन धर्मियो में बबाल।थाना मेरापुर क्षेत्र के संकिसा बौद्ध स्तूप का मामला @Uppolice pic.twitter.com/Bb3nxtx6Zu
— UttarPradesh.ORG News (@WeUttarPradesh) October 20, 2021
संकिसा में बौद्ध धर्मी व सनातन धर्मी पुलिस की लापरवाही के चलते आमने-सामने आ गया| मौके पर पथराव और वाहनों में तोड़फोड़ हुई| जिसके बाद भारी पुलिस बल पंहुचा| सनातन धर्मियों ने सड़क पर जाम लगा दिया|दरअसल बुधवार को संकिसा विवादित स्तूप (Sankisa Stupa) के पास बुद्ध महोत्सव पर दो दिवसीय बुद्ध महोत्सव का आयोजन चल रहा था| बीते दिन शुरू हुए बुद्ध महोत्सव का बुधवार को दूसरा दिन था| धम्मालोको बुद्ध बिहार संकिसा पर सुबह बौद्ध अनुयायी धम्मयात्रा लेकर धार्मिक स्थल पर पहुंचे। तभी विवादित टीले पर तकरीबन आधा सैकड़ा अराजक तत्व पंचशील झंडा लेकर चढ़ गये और टीले के ऊपर बने बिसारी देवी के मन्दिर पर लगा भगवा ध्वज हटा कर पंचशील ध्वज लगा दिया और मन्दिर को क्षतिग्रस्त कर दिया| यह जानकारी जब सनातन धर्मियों को हुई तो हंगामा हो गया| बिसारी देवी के ऊपर बौद्ध धर्मियों द्वारा झंडा लगाने से दोनों समुदाय के अनुयायियों के आस्तीने खिच गयीं| कहा-सुनी से बात महाभारत तक आ गयी| दोनों पक्षों में जमकर पथराव शुरू हो गया| जिससे भगदड़ मच गयी | जिससे कई लोग चुटहिल भी हो गये| पथराव में खड़ी कई कारें भी क्षतिग्रस्त हो गयीं| आक्रोशित सनातन धर्मियों नें गाँव के निकट ही जाम लगा दिया|
दरअसल संकिसा स्थित धार्मिक स्थल (Sankisa Stupa) पर बौद्ध अनुयायियों का दावा है कि यह बौद्ध स्तूप है। यहीं पर भगवान बुद्ध का स्वर्गावतरण हुआ था। उधर सनातनधर्मियों का दावा है कि धार्मिक स्थल पर मां बिसारी देवी का प्राचीन मंदिर है। यहां हनुमान जी की प्रतिमा भी स्थापित है। यह सनातनधर्मियों की जगह है। इस धार्मिक स्थल पर दावे को लेकर करीब 40 वर्ष बौद्ध व सनातनधर्मियों के बीच कोर्ट में मुकदमा चल रहा है।
यात्रा में शामिल युवा पंचशील ध्वज लेकर स्तूप पर चढ़ गए और मां विसारी देवी मंदिर पर फहरा दिया। पंचशील ध्वज फहराने का दूसरी ओर खड़े ग्रामीणी (सनातन धर्मी) ने विरोध किया। इससे तनातनी बढ़ गई।
बुधवार को धम्म यात्रा निकालनें के दौरान बौद्ध अनुयायियों के बीच कुछ अराजक तत्व विवादित टीले पर स्थित बिसारी देवी के मन्दिर पर चढ़े और उनके ऊपर लगा भगवा झंडा नीचे फेंककर उस पर पंचशील ध्वज लगा दिया था| जिससे आक्रोशित सनातन धर्मियों नें जाम लगा दिया| स्तूप के निकट सैकड़ों बौद्ध अनुयायियों को चारो तरफ से घेर लिया| जाम की सूचना पर जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह, पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा,एसडीएम सदर अनिल कुमार सीओ सोहराब आलम, थानाध्यक्ष देवी प्रसाद गौतम आदि आ गये| डीएम नें जाम लगाये सनातन धर्मियों से वार्ता की| काफी देर चली वार्ता के बाद आखिर लिखित आश्वासन पर ग्रामीण मान गये| डीएम के निर्देश पर एसडीएम सदर अनिल कुमार नें लिखित में दिया कि बिसारी देवी के मन्दिर में की गयी तोड़फोड़ को ठीक कराया पुन: पूर्ववत की जायेगी|
मामला इतना बढ़ा कि दोनों तरफ ईंट पत्थर चलने लगे। विधायक और बौद्ध भिक्षु़ जान बचाकर भाग निकले। पुलिस कम संख्या में थी, ऐसे में बवाल बढ़ता गया। मारपीट भी हुई, जिसमें किसी का सिर फटा तो किसी का पैर टूट गया। करीब 2 घंटे तक रुक रुक कर मारपीट और पथराव होता रहा।
जिला प्रशासन की अनुमति लिए बिना ही संकिसा में आयोजित कार्यक्रम में हजारों की संख्या में भीड़ एकत्रित हो गयी| अब बबाल होनें के बाद जिला प्रशासन जाँच कर कार्यवाही की बात कर रहा है|
दरअसल बौद्ध अनुयायी और सनातन धर्मियों के बीच हुई महाभारत में जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह नें संकिसा पंहुच कर संधि करा दी|
पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा नें बताया कि विवादित टीले पर कुछ अराजक तत्व चढ़ गये थे| जिसको लेकर दोनों पक्षों में विवाद हुआ है| भीड़ भी थी| जिस पर पथराव हुआ| जिसके बाद फोर्स मौके पर आ गयी| सामान्य फोर्स लगाया गया था| जिसके बाद अपर पुलिस अधीक्षक अजय प्रताप व अपर जिलाधिकारी विवेक श्रीवास्तव के नेतृत्व में जाँच टीम का गठन किया गया है| जाँच टीम की रिपोर्ट आनें के बाद कार्यवाही की जायेगी|
जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह नें बताया कि तकरीबन दो तीन हजार लोग बौद्ध महोत्सव में एकत्रित हुए| इस बार कार्यक्रम करनें की अनुमति नही थी| उसके बाद भी हजारों की भीड़ एकत्रित कैसे हो गयी| पुलिस की लापरवाही है या जो भी लापरवाही हुई है उसके लिए एडीएम व एएसपी के नेतृत्व में जाँच टीम का गठन कर दिया गया है| जाँच रिपोर्ट आनें के बाद कार्यवाही की जायेगी|
पुरे मामले पर सनातन धर्मियो ने बीजेपी विधायक सुशिल शाक्य पर आरोप लगाते हुए साफ़ कहा कि मदिर पर हमले की घटना में विधायक के इशारे पर हुई है और विधायक सैकड़ो लोगो की भीड़ लेकर मौके पर आये और कुछ लोगो ने मंदिर के ऊपर चढ़ कर तोड़फोड़ शुरू कर दिए